मथुरा। होली उत्सव मंगलवार को दाऊजी के हुरंगा के साथ पूरा हुआ। इस मौके पर दाऊजी के मंदिर में अनूठी परंपरा निभाई गई। हजारों की संख्या में जुटे श्रद्धालुओं ने जमकर अबीर-गुलाल उड़ाए। परंपरा का निर्वहन कर रही हुरियारिन बनीं महिलाओं ने हुरियारों पर प्यार भरे कोड़े बरसाए। पुरुषों ने भी महिलाओं पर रंग फेंककर प्रसिद्ध हुरंगा परम्परा का पालन किया। दुनिया भर में मशहूर ब्रज की होली जहां भगवान श्रीकृष्ण पर केंद्रित है, वहीं दाऊजी का हुरंगा उनके बड़े भाई बलदेव जी पर केंद्रित है।
#Watch : Despite the surge in COVID cases, COVID protocols were again violated by thousands of people at Huranga holi celebrations, a day after #Holi. at Dau ji temple in #Mathura.. pic.twitter.com/O8XIKcSl1n
— Anuja Jaiswal (@AnujaJaiswalTOI) March 30, 2021
हुरंगा के नायक शेषावतार दाऊजी महाराज हैं। मंच पर बाल रूप में दाऊजी और भगवान कृष्ण दोनों की छवि के साथ सखा मौजूद थे जो केसर के बने रंग से होली खेल रहे थे। कहते हैं कि दाऊजी के हुरंगा को देखने के लिये देवता भी तरसते हैं। हुरंगा को ब्रज की होली का मुकुट मणि कहा जाता है। इस विश्वप्रसिद्ध हुरंगा को देखने के लिए हजारों देशी-विदेशी श्रद्धालु आए।
हुरियारिनें लहंगा-फरिया पहने हुए थीं। वे झुंड में मंदिर के विभिन्न द्वारों से होली गीत गाते हुए आईं। उन्होंने हास-परिहास करते हुरियारों पर प्यार भरे कोड़े बरसाए। हुरियारों और हुरियारिनों पर रंगों और अबीर-गुलाल की बारिश होती रही। मंच पर श्रीकृष्ण, बलराम सखाओं के साथ अबीर गुलाल उड़ाते रहे। श्रद्धालु भी झूमते रहे। पूरे मंदिर परिसर में अबीर-गुलाल के बादल छा गए।
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