क्‍या महाराष्‍ट्र में NDA को हराने के ल‍िए जारी हुआ था फतवा?

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची है। हालांकि इसी बीच शिव सेना प्रमुख एकनाथ शिंद के मंत्री दीपक केसरकर का बयान सुर्खियां बटोर रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र के नतीजों ने सभी को चौंका दिया है। 2019 के आम चुनाव में भारी बहुमत जीतने वाली एनडीए को इस बार सिर्फ 17 सीटे मिली हैं। वहीं MVA गठबंधन ने 31 सीटों के साथ शानदार वापसी की है। हालांकि इसी बीच महाराष्ट्र के मंत्री और एकनाथ शिंदे के करीबी दीपक केसरकर ने बड़ा बयान दिया है।

दीपक केसरकर ने शिव सेना (यूबीटी) पर निशाना साधते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे की जीत फतवे की वजह से हुई है। चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम वोटर्स को भरोसा दिलाया गया कि उद्धव ठाकरे ने हिन्दुत्व की विचारधारा त्याग दी है और वो बाल ठाकरे के विचारों को फॉलो नहीं करेंगे। दीपक केसरकर का कहना है कि मुंबई की सीटें जीतना इस बात का संकेत है  कि फतवे ने उनकी काफी मदद की है। उन्होंने कहा एकनाथ शिंदे की पार्टी शिव सेना ज्यादातर सीटों पर महज एक से डेढ़ लाख वोटों से हारी है।

मुस्लिम मतदाताओं को भरोसा दिलाया गया कि उद्धव ठाकरे ने हिन्दुत्व की विचारधारा छोड़ दी है। फतवे की वजह से शिवसेना (यूबीटी) को मुस्लिमों से वोट दिया। जब कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को सिर्फ मुंबई और मराठी लोगों का वोट मिला। दीपक केसरकर यहीं नहीं रुके। उन्होंने उद्धव ठाकरे की जीत को पाकिस्तान से भी जोड़ा है। उनका कहना है कि पाकिस्तान के मंत्री लगातार कह रहे थे कि मोदी को हारना है। बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इस बयान को फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई।

विपक्षी दलों ने दलित समुदायों को ये कहते हुए गुमराह किया कि अगर नरेंद्र मोदी दोबारा सत्ता में आए तो संविधान बदल देंगे। बता दें कि 4 जून को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों में महाराष्ट्र के एमवीए गठबंधन को 31 सीटें मिली हैं। तो वहीं बीजेपी और शिव सेना के नेतृत्व वाला एनडीए महज 17 सीटों पर समिट गया है। आम चुनाव के नतीजे इसलिए भी चर्चा का विषय बन गए हैं क्योंकि इसी साल अक्टूबर में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। जिसकी वजह से राज्य में सियासी हलचल तेज होने वाली है।

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