विक्रम सैनी
यूनिक समय, मथुरा। जिले के जीरो से पांच साल के बच्चों में कुपोषण की स्थिति जांचने के लिए 17 से 24 जून तक ‘वजन सप्ताह’ मनाया जाएगा। इस अभियान में बच्चों के वजन और उनकी लंबाई की माप से कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाएगा।
पहले चरण में वजन सप्ताह जबकि अगले चरण में एक जुलाई से बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए ‘संभव’ अभियान चलेगा।
यह अभियान जिले के सभी 2363 आगनवाड़ी केन्द्रों पर चलेगा। अभियान से पूर्व बुधवार को शासन के बाल एवं महिला कल्याण विभाग के उच्चाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अभियान के बारे में दिशा निर्देश दिए। मथुरा के सीडीपीओ (आंगनवाड़ी) अशोक कुमार के अनुसार बच्चों में कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से चलाई जा रहीं योजनाओं के तहत 17 जून से यह वजन अभियान शुरू हो रहा है। इसके बाद एक जुलाई से 2 अक्टूबर के बीच ‘संभव’ कार्यक्रम शुरू होगा।
इस कार्यक्रम का नाम ‘पोषण संबंद्धर्न की ओर एक कदम’ है। इसमें बच्चों का पोषण दूर करने के लिए आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता उनके घरों पर जाएंगी। उन्हें पौष्टिक आहार देने की जानकारी देंगी। साथ ही आंगनवाड़ी केंद्रों पर अपने हाथों से ऐसा खाद्य सामान तैयार करेंगी जो पौष्टिक होगा और उन्हें प्रतीकात्मक तौर पर बच्चों को खिलाएंगी। अभियान में जीरो से पांच साल तक के कुपोषित बच्चों की पहचान के अलावा दिव्यांग बच्चों की भी पहचान होगी। ये अभियान पर्यवेक्षकों की निगरानी में चलेगा। कुपोषण दूर करने के अभियान की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। सीडीपीओ ने बताया कि कोविड-19 के कारण वर्ष 2020 में यह अभियान नहीं चल पाया था। अब वजन सप्ताह में कुपोषित बच्चों का आंकड़ा शासन को प्रेषित होगा।
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