रीवा। एमपी के रीवा में अवेधश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव लाल साहब सिंह के विदाई समारोह में बदसलूकी की घटना सामने आई है। यहां के कर्मचारी संगठन ने डिप्टी रजिस्टार को आपत्तिजनक रूप से विदाई दी। कर्मचारियों ने उप कुलसचिव को जूतों की माला पहनाने की कोशिश की। ये कर्मचारी पहले से नाराज चल रहे थे, इसलिए बेइज्जत कर अपनी भड़ास निकाली। अब इस पूरे मामले की जांच बैठाई गई है।
फिलहाल, अवधेश सिंह विश्वविद्यालय रीवा में हुए जूता कांड ने 1980 के दशक की याद दिला दी है। जब ठाकुर रणमत सिंह कॉलेज रीवा के छात्र जूता कांड को लेकर सुर्खियों आए थे। छात्रों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा के ऊपर जूते फेंक कर विरोध जताया था।
दरअसल, 30 नवंबर को लाल साहब सिंह की विदाई के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वे अंदर आए थे तो यूनिवर्सिटी के कर्मचारी संघ ने उन्हें घेर लिया और छुपाकर रखी हुई माला निकाली और उन्हें पहनाने की कोशिश की। ये देख सिंह पहले तो असहज हुए और उसके बाद धन्यवाद कहकर आगे बढ़ गए। घटना का वीडियो वायरल हो गया है। यूनियन के अध्यक्ष बुद्धसेन पटेल ने कहा- जो किया सही किया है। इस बीच, कर्मचारियों ने मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
कर्मचारी नेता बुद्धसेन पटेल का कहना है कि लाल साहब ने विश्वविद्यालय में 35 साल तक सेवाएं दीं, लेकिन इन्होंने कर्मचारी हित में कोई कार्य नहीं किया। इसी वजह से आक्रोश था। इनकी विदाई के लिए कर्मचारियों ने जूतों का कलेक्शन किया था।
प्रशासनिक भवन के पास हुए इस आपत्तिजनक विदाई को देखकर मौजूद लोग भी हैरान रह गए। कार्यक्रम में मौजूद कुलपति ने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप किया। अब इस पूरे मामले की जांच बैठाई गई है। कुलपति डॉ. राजकुमार आचार्य की दलील है कि कर्मचारियों में अगर नाराजगी है तो उसे समझने का प्रयास किया जाएगा।
बता दें कि बीते दिनों विश्वविद्यालय में तैनात कुछ अन्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति भी हुई थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने किसी भी तरह का सम्मान कार्यक्रम आयोजित नहीं किया था। ये भी कर्मचारियों की नाराजगी की वजह थी। क्योंकि, सेवानिवृत्त डिप्टी रजिस्ट्रार सिंह पर शुरुआत से ही कर्मचारी विरोधी होने के आरोप लगते रहे। यूनियन के अध्यक्ष बुद्धसेन पटेल ने कहा कि हम आगे भी कर्मचारियों के हित के लिए इस तरह के कदम उठाएंगे।
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