नई दिल्ली। भारतीय मूल के रिसर्चर्स ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी एक रिसर्च में कहा की भारत में 49 दिनों के लिए पूरी तरह से देशव्यापी लॉकडाउन या दो महीनों में समय-समय पर छूट के साथ लगातार लॉकडाउन होना जरूरी है. इसे भारत में कोरोना को दोबारा उभरने से रोकने के लिए जरूरी बताया गया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया है. इस लॉकडाउन का मुख्य उद्देश्य सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखाने के लिए लागू किया ताकि कोरोना वायरस को तीसरे स्टेज पर जानें से रोका जा सके.
भारत की आबादी की उम्र को शामिल किया रिसर्च में
उन्होंने बताया कि ‘एज स्ट्रक्चर्ड इम्पैक्ट ऑफ सोशल डिस्टेंसिंग ऑन द कोविड-19 एपिडेमिक इन इंडिया’ टाइटल वाले रिसर्च पेपर में भारत की आबादी की उम्र और सोशल कॉन्टैक्ट स्ट्रक्चर को शामिल किया गया है, यह एक गणितीय मॉडल है. इस महामारी को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंस सबसे ज्यादा जरूरी है. 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद शायद ये फिर से उभर जाए इसलिए जरूरी है कि इसे बढ़ाकर 49 दिनों का किया जाए।
सोशल डिस्टेंसिंग सबसे ज्यादा है जरूरी
वायरस का कोई इलाज न होने के कारण बहुत जरूरी है सोशल डिस्टेंसिंग. सोशल कॉन्टैक्ट गंभीर रूप से संक्रमण के प्रसार को निर्धारित करती है. इस अध्ययन में सोशल डिस्टेंसिंग उपायों- कार्यस्थल में गैर मौजूदगी, स्कूल बंद करने, लॉकडाउन और इसकी अवधि के साथ उनकी प्रभावाकारिता का आकलन किया गया है।
भारत में बढ़ रही संक्रमितों की संख्या
बंगाल के कालिमपोंग 44 साल की महिला की कोरोना से मौत के साथ ही भारत में मरनेवालों की संख्या 30 पर पहुंच गई. देश में अब तक इस वायरस से 30 लोगों की जान जा चुकी है. बंगाल के कालिमपोंग 44 साल की महिला कोरोना संक्रमित थी. नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा था. सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई. कोरोना वायरस से पश्चिम बंगाल में ये दूसरी मौत है. इसके पहले नॉर्थ 24 परगना में एक शख्स की मौत हो चुकी है.
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