नई दिल्ली। भारी हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश कर दिया। बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह विधेयक केवल अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए लाया जा रहा है। कांग्रेस के अलावा टीएमसी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और एआईएमआईएम सहित कई दलों ने इस बिल का विरोध किया। बिल के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एक मौका ऐसा भी आया, जब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी को उनकी अमित शाह पर की गई एक टिप्पणी के लिए टोका।
अमित शाह के लिए किया असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल
दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी ने बिल के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि स्पीकर महोदय, मैं आपसे अपील करता हूं कि इस तरह के कानून से देश को और गृह मंत्री को बचाइए। हम इस बिल से भारत को इजराइल जैसा देश बना रहे हैं। हालांकि ओवैसी की इस टिप्पणी पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति जताते हुए कहा, ‘कृप्या सदन के अंदर इस तरह की असंसदीय भाषा का इस्तेमाल मत कीजिए। आपकी इस टिप्पणी को रिकॉर्ड से बाहर निकाला जाएगा।’
‘हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हूं’
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल का प्रस्ताव सोमवार को लोकसभा में बहुमत से पास हो गया। बिल के पक्ष में 293 और विरोध में 82 मत पड़े। बिल के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जब कांग्रेस ने कहा कि यह विधेयक देश के मुसलमानों के खिलाफ है तो अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि इस बिल में मुस्लिम समुदाय का नाम तक नहीं है। बिल पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि वो सदन के भीतर इस विधेयक को लेकर हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं, लेकिन आप लोग सदन से वॉकआउट मत करना।
‘बिल सताए हुए लोगों को नागरिकता देगा’
अमित शाह ने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, ईसाइयों, पारसियों और जैन समुदाय के लोगों के साथ भेदभाव किया गया है। यह बिल इन सताए हुए लोगों को नागरिकता देगा। साथ ही यह आरोप कि यह बिल मुसलमानों के अधिकारों को छीन लेगा, बिल्कुल गलत है। आज हमें इस विधेयक की आवश्यकता क्यों पड़ी? आजादी के बाद यदि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन नहीं किया होता, तो, आज हमें इस विधेयक की आवश्यकता नहीं होती। कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन किया।
बिल का प्रस्ताव बहुमत से पास
बिल पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बांग्लादेश के बारे में कानून लेकर आईं, लेकिन पाकिस्तान से आए लोगों के लिए क्यों नहीं लेकर आईं। अमित शाह ने कहा कि युगांडा से आए लोगों को भी कांग्रेस सरकार में नागरिकता दी गई। इंग्लैंड से आए लोगों को क्यों नहीं? बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में काफी हंगामा हुआ। हालांकि बहुमत बिल का प्रस्ताव लाने के पक्ष में रहा और 293 मतों से प्रस्ताव पास हो गया।
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