मकर संक्रांति का पर्व सूर्य देव की अराधना का पर्व है. इस दिन दान-पुण्य करने से दुख और दरिद्रता दूर होती हैं. इस दिन गंगा स्नान करने के साथ खिचड़ी दान करने व खाने का विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य का दक्षिणायन से उत्तरायण होना अति शुभ माना जाता है.
खिचड़ी खाने का महत्व
संक्रांति पर चावल, दाल, हल्दी, नमक और सब्जियों की खिचड़ी बनती है. चावल चंद्रमा का प्रतीक है. काली उरद की दाल शनि का प्रतीक है. हल्दी बृहस्पति और नमक शुक्र का प्रतीक है. हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं. खिचड़ी की गरमी मंगल और सूर्य से जुड़ी है.
इस प्रकार खिचड़ी खाने से सारे ग्रह मजबूत होते हैं. मकर संक्रांति पर नए अन्न की खिचड़ी खाने से पूरे साल आरोग्य मिलता है. इस भोजन से शरीर नए मौसम के लिए तैयार होता है. खिचड़ी ताजी ही खानी चाहिए और इसके साथ घी जरूर खाना चाहिए.
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