टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने विशाखापत्तनम टेस्ट की दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका के 5 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा.
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज विशाखापत्तनम में जोरदार जीत के साथ किया. इस बेहतरीन जीत की खास बात ये रही कि जीत में किसी एक खिलाड़ी का योगदान नहीं था. जहां बल्लेबाजों ने अपना काम बखूबी किया, वहीं गेंदबाजों ने भी अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह निभाई. यहां तक कि फील्डरों का योगदान भी कम करके नहीं आंका जा सकता. दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में जिस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई, वो मोहम्मद शमी थे. शमी भले ही पहली पारी में एक भी विकेट नहीं ले सके, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने पांच विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों की कमर तोड़कर रख दी.
स्किड, स्पीड और लेंथ
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पिछले कुछ समय से टीम के संकटमोचक साबित हुए हैं. उनके बारे में भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने पिछले साल कहा था कि शमी के पास गेंदबाजी की बेहतरीन और अलग तरह की क्षमता है. गेंद को पिच की सतह से रफ्तार देना (स्किड कराना) हो या फिर भारी गेंद को पिच पर तेजी से पटकना, ये दो क्वालिटी आमतौर पर अलग-अलग गेंदबाजों में ही पाई जाती हैं. मगर मोहम्मद शमी के पास ये दोनों क्षमताएं हैं. मगर बात सिर्फ इतनी सी नहीं है, बल्कि शमी के पास तीन ऐसे हथियार हैं जिनसे वे बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा लेते हैं.
1. गेंद को स्किड कराने की क्षमता : गेंद को स्किड कराने के लिए आपको पिच से भी मदद की जरूरत होती है. यह काफी हद तक गेंदबाजी एक्शन पर निर्भर करता है. मगर शमी इसके साथ दो चीजें कर सकते हैं. इस दौरान उनकी सीम पोजीशन बेहतरीन होती है और वह गेंद को इतनी तेजी से स्किड कराते हैं ताकि गेंद बल्ले की गति को पछाड़कर या तो पैड पर लगे या स्टंप पर.
3. गति : मोहम्मद शमी का गेंदबाजी रनअप बहुत अधिक लंबा नहीं है. ऐसे में बल्लेबाज इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकता कि वे अधिक तेज गेंद फेंकेंगे. मगर वास्तव में शमी के पास कम दूरी के रनअप से अधिक तेज गति हासिल करने की क्षमता है. बल्लेबाजों को इससे तालमेल बैठाने में हमेशा ही मुश्किल पेश आती है.
मोहम्मद शमी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तेज गेंदबाजी का बेहतरीन नमूना पेश करते हुए पांच विकेट चटकाए. (AP)
ऐसे किए दक्षिण अफ्रीका के बड़े शिकार
मोहम्मद शमी ने जिन पांच दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों का शिकार किया, उनमें टेंबा बावुमा, फाफ डु प्लेसी और क्विंटन डी कॉक भी शामिल हैं. खास बात ये रही कि शमी ने इन तीनों को बिल्कुल अलग-अलग तरह की गेंदों पर आउट किया. बावुमा आमतौर पर बैकफुट पर खेलना पसंद करते हैं, इसलिए लेंथ गेंद पर भी पैर आगे बढ़ाकर नहीं खेलते. यही वजह रही कि वो स्टंप पर गेंद खेल बैठे. जहां तक बाद फाफ डु प्लेसी की है तो ऐसा पहली बार नहीं है कि फाफ गेंद को छोड़ते हुए बोल्ड हुए हैं. टीम इंडिया के एक सदस्य ने भी इस बात का जिक्र किया कि दक्षिण अफ्रीका में भी फाफ गेंद को छोड़ते हुए आउट हुए थे. पहली पारी में शतक लगाने वाले क्विंटन डी कॉक अनमना शॉट खेलते हुए पवेलियन लौटे. दक्षिण अफ्रीकी कप्तान फाफ डु प्लेसी को मोहम्मद शमी द्वारा फेंकी गई ये गेंद ऑफ स्टंप के बाहर थी. फाफ ने इस गेंद को विकेटकीपर के पास जाने दिया, लेकिन अनुमान के विपरीत गेंद बहुत तेजी से अंदर की ओर आई और फाफ का ऑफ स्टंप उड़ा गई. ये कमाल था शमी की स्विंग गेंदबाजी का. वहीं क्विंटन डी कॉक एक बेहतरीन लेंथ पर डाली गई गेंद पर लापरवाह अंदाज में शॉट खेलकर बोल्ड हो गए. गेंद उनके बल्ले और पैड के बीच से निकलकर ऑफ स्टंप उड़ा ले गई.
रिवर्स स्विंग के बाद ऐसे हो जाते हैं शमी
जब गेंद रिवर्स स्विंग हो रही हो या असमान उछाल हो तो फिर मोहम्मद शमी का दूसरा ही रूप देखने को मिलता है. उनका धीमा रनअप अचानक ही रफ्तार पकड़ लेता है, रनअप में हर कदम में पहले से अधिक ऊर्जा नजर आती है. हर गेंद मानो विकेट लेती हुई नजर आती है.
1996 के बाद ऐसा पहली बार हुआ…
साल 1996 के बाद ये पहला मौका है जब किसी भारतीय गेंदबाज ने चौथी पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लिए हैं. 1996 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट में जवागल श्रीनाथ ने ऐसा कारनामा किया था. हालांकि शमी को इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए अपना वजन घटाने से भी मदद मिली. साल 2015 में शमी का वजन 93 किलो था जो अब 75 किलो हो गया है.
मोहम्मद शमी साल 1996 में जवागल श्रीनाथ के बाद से घरेलू जमीन पर चौथी पारी में पांच विकेट लेने वाले पहले भारतीय हैं. (AP)
दूसरी पारी में नहीं है शमी का कोई जवाब
उनके आंकड़ों पर नजर डाले तो सामने आता है कि पहली पारी में उन्होंने 34.47 की औसत से 78 विकेट लिए हैं. इसमें एक बार उन्होंने पारी में 5 विकेट लिए हैं. वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 22.58 की औसत से 80 विकेट लिए हैं. इसमें उन्होंने 4 बार 5 विकेट लेने का कमाल किया है. वहीं जनवरी 2018 से देखें तो शमी ने टेस्ट में पहली पारी में 23 विकेट निकाले हैं. इसमें उनका औसत 37.56 व स्ट्राइक रेट 70.5 का रहा है. वहीं दूसरी पारी में 17.70 की औसत व 32.1 की स्ट्राइक से उन्होंने 40 विकेट लिए हैं.
भारत में तेज गेंदबाजी के लिए सिर्फ कौशल ही काफी नहीं
उमस भरे माहौल और गर्म मौसम में भारतीय जमीन पर गेंदबाजी करने के लिए आपको कौशल से कुछ अधिक की जरूरत होती है. यहां तक कि आप किस तरह पानी पीते हैं, इस बात का भी अपना महत्व है. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविज ने एक बार कहा था कि उन्हें भारतीय हालात में काफी मुश्किल होती है. तब जवागल श्रीनाथ ने उन्हें एक सलाह दी थी, जिससे उनका करियर ही बदल गया. श्रीनाथ ने उनसे कहा था कि आप ज्यादा पानी पीते हैं. आपको थोड़ा पानी पीना चाहिए और थोड़ा मुंह में रखकर बाहर निकाल देना चाहिए. ऐसे में पता नहीं कि शमी पानी किस तरह पीते हैं, लेकिन वो अपनी ऊर्जा को बचाकर रखते हैं. उन्हें पता है कि किस तरह की गेंदबाजी के लिए किस तरह की चीजों की जरूरत होती है. इस टेस्ट में मोहम्मद शमी ने जसप्रीत बुमराह की कमी नहीं खलने दी और यही उनकी सबसे खास बात है.
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