संवाददाता
मथुरा। नारी जब एक साथ हो जाती है तो वह एक बहुत बड़ी शक्ति वन जाती है। ‘नार का सुर’ नारी ही शक्ति है पर आधारित मूवी के प्रमोशन से पहले आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया गया कि इस फिल्म के माध्यम से नारी की आवाज खुद नारी ही बनती है।
फिल्म में शक्ति सम्पन्न व्यक्ति द्वारा गरीब मजबूर लोगों को सताये जाने व समाज में अपना वर्चस्व कायम रखने तथा हर तरह के हथकंडे अपना कर गरीबों की जमीनों को छीनना और और उन पर जुल्म करने की कहानी है। जिसमें गांव की महिलाएं एकत्र होकर इस जुल्म का प्रतिकार करती हैं और एकजुट होकर मुकाबला करती हैं।
इसमें गांव के भैरों सिंह नाम के किरदार में ऐसे व्यक्ति को दर्शाया गया है जो सर्वगुण सम्पन्न होता है जो आजकल के समाज में दिखाई देता है। फिल्म का निर्देशन कर रहे कुलदीप कुलश्रेष्ठ ने बताया कि समाज में नारी के प्रति हो रहे अत्याचार और शोषण को दर्शाते हुए जुल्म से उपजी नारी शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यह एक रूप से मां, बहन, सास, बहू की कहानी है, जिसे कुछ अलग ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
फिल्म के प्रोड्युसर सुनील तायल ने बताया कि हर कहानी कृष्ण व कंस के बिना अधूरी है। यह भूमि कृष्ण की है तो कंस की भी है। कंस का मतलब समस्या से है। समस्या के लिए एक न एक दिन भगवान को धरती पर आना ही पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग मांट, गोवर्धन तथा मुखराई में की गई।
व्यवसायी पवन चतुर्वेदी ने कहा कि मथुरा जनपद में फिल्म निर्माण की अपार सम्भावनाएं हैं। इस व्यवसाय से जुडे लोगों को इधर भी आकर यहां की तमाम कहानियों और यहां की लोक कथाओं को समूचे देश के सामने प्रदर्शित करना चाहिए।
मुख्य अतिथि पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने सभी कलाकारों की प्रशंसा की। इस अवसर पर फिल्म में किरदार निभाने वाले सभी कलाकर मन्नत सिंह, दीक्षा मान, रिद्धी गुप्ता, ज्ञानेन्द्र उपाध्याय, सूर्यकान्त, पूजा वर्मा, अक्षता, शालू वर्मा, शशांक, शिखर पाण्डेय एवं आशीष चतुर्वेदी आदि उपस्थित थे।
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