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नई दिल्ली। सरकार ने एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा जमा करने या निकालने के लिए आधार या पैन नंबर अनिवार्य कर दिया है। आज यानि 26 मई से यह नया नियम लागू किया गया है। अकाउंट ओपनिंग के लिए भी (PAN) पैन नंबर देना होगा। इसके अलावा किसी बैंक या डाकघर में भी चालू खाता या कैश क्रेडिट खाता खोलने पर भी यही नियम लागू होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इससे साफ हो गया है कि आयकर विभाग आपकी बड़ी रकम के लेनदेन पर नजर रखेगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194N के तहत टीडीएस कटौती की मौजूदा प्रावधान के साथ आगे इसे और भी सख्त किया जाएगा। बता दें कि केंद्रीय बजट 2019 में धारा 194N को पेश किया गया था। 1 करोड़ रुपये से अधिक नकद निकासी पर टीडीएस (TDS) कटौती के लिए इसे लागू किया गया। बजट 2020 में 194N के तहत टीडीएस की सीमा को कम करके 20 लाख रुपये तक कर दिया गया। लेकिन यह उन कर दाताओं के लिए था, जिन्होंने तीन महीने से अपना टैक्स (TAX) रिटर्न फाइल नहीं किया था।
कई बार उच्च राशि जमा और निकासी करनेवाले पैन ना होने का बहाना कर बच जाते थे, जो अब नहीं होगा। लेनदेन के समय पैन नंबर दिए जाने के बाद निकासी और जमा पर नजर रखा जा सकेगा। टैक्स एक्सपर्ट का मानना है कि अभी इनकम टैक्स से जुड़े सभी तरह के कामकाज में पैन नंबर देना जरूरी होता है। लेकिन बड़ी नकद राशि लेनदेन के वक्त किसी के पास पैन नहीं है तो वह आधार के जरिये निकासी कर सकता है। नियम के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के पास पैन नहीं है तो आधार की बायोमीट्रिक पहचान दे सकता है।
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