
यूनिक समय, नई दिल्ली। कैथोलिक ईसाई समुदाय के प्रमुख पोप फ्रांसिस के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में अगले तीन दिनों तक सभी सरकारी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा घोषित तीन दिवसीय राजकीय शोक के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल कैथोलिक समुदाय के लिए, बल्कि संपूर्ण आध्यात्मिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, “पोप फ्रांसिस को उनकी करुणा, विनम्रता और सेवा की भावना के लिए सदैव स्मरण किया जाएगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उनके अनुयायियों को इस कठिन समय में धैर्य और शक्ति प्रदान करें।”
पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वह लगभग 1,300 वर्षों में पहले गैर-यूरोपीय पोप थे, जिन्हें विश्वभर में करुणा और आध्यात्मिक नेतृत्व के प्रतीक के रूप में देखा जाता था।
गृह मंत्रालय ने पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि स्वरूप 22 अप्रैल (मंगलवार) और 23 अप्रैल (बुधवार) को दो दिवसीय राजकीय शोक और उनके अंतिम संस्कार के दिन एक दिवसीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान देशभर में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां नियमित रूप से ध्वज फहराया जाता है। साथ ही, कोई भी सरकारी आयोजन आयोजित नहीं किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि वे हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद किए जाएंगे। अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति संवेदना व्यक्त की।
यह निर्णय न केवल श्रद्धांजलि का प्रतीक है, बल्कि भारत की विविधता और सभी धर्मों के प्रति सम्मान का भी एक सशक्त उदाहरण है।
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