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स्मार्ट सिटी योजना में मथुरा-वृंदावन समेत दस नगर निगम शामिल
महेश वाष्र्णेय
यूनिक समय, लखनऊ । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल के आखिरी बजट को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया। बजट में किसानों को मुफ्त पानी और सस्ते लोन का प्रावधान कर किसानों का दिल जीतने की कोशिश की गई। किसान आंदोलन को लेकर चिंतित सरकार ने बजट के माध्यम से तुरुप का पत्ता फेंकने का प्रयास किया है, शायद वह चुनाव के वक्त काम आ जाए। इस बजट में विकास योजनाओं का भी जिक्र किया गया है।
वर्ष 2021-22 के बजट का आकार पांच लाख, 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख रुपये है। इसमें 27 हजार 598 करोड़ 40 लाख रुपये की नई योजनाओं को भी शामिल किया गया है।वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने युवा अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए कॉपर्स फंड में पांच करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित की है।
प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अधिवक्ता चैंबर का निर्माण एवं उनमेंं अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास को 20 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित की है। युवा अधिवक्ताओं के लिए पुस्तक एवं पत्रिका आदि क्रय करने के लिए 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तवित की है। स्मार्ट सिटी योजना में मथुरा-वृंदावन नगर निगम के साथ-साथ वाराणसी,मेरठ, गाजियाबाद, अयोध्या, फीरोजाबाद, गोरखपुर एवं शाहजहांपुर शामिल है। इन शहरों के लिए 175 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। योगी सरकार ने व्यापारियों के लिए कोई योजना नहीं बनाई, इस कारण व्यापारी निराश दिखाई दे रहे हैं।
बजट व्यापारी हितों पर चोट करने वाला
वृंदावन। नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के चेयरमैन धनेंद्र अग्रवाल बॉबी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आखिरी बजट चुनावी है। कहा कि इस सरकार के पास ना तो कोई एजेंडा है ना ही कोई विजन है और ना ही इसके लिए आज के बजट में सरकार ने कोई आर्थिक पैकेज जारी किया है। प्रदेश सरकार ने व्यापार और उद्योग जगत के लिए किसी भी प्रकार का कोई पैकेज जारी ना करके व्यापारी और उद्यमों को ठेंगा दिखाने का काम किया है। प्रदेश सरकार का बजट को व्यापारी हितों पर चोट करने वाला है।
उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान योजना शुरु होगी
लखनऊ । यूपी सरकार ने प्रदेश के ख्यातिलब्ध साहित्यकार एवं कलाकारों के लिए उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान योजना का प्रस्ताव बजट में किया है। योजना उन कलाकार और साहित्यकारों को शामिल किया जाएगा, जो अन्य किसी पुरस्कार से सम्मानित नहीं हो सके हैं। योजना अंतर्गत प्रत्येक वर्ष पांच व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को 11 लाख रुपये की सम्मानित राशि प्रदान की जाएगी।
छाता चीनी मिल फिर चुनावी मुद्दा बनेगी
यूनिक समय, मथुरा। जिले के गन्ना किसानों को योगी सरकार से छाता चीनी मिल को लेकर बड़ी उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने आखिरी बजट में चीनी मिल शुरु कराने के लिए कोई प्रस्ताव ना कर निराशा कर दिया है। विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान भाजपा समेत सभी दलों के नेताओं ने छाता चीनी प्रारंभ कराने के लिए वायदे किए थे, लेकिन सत्ता में भाजपा आ गई। पांच साल के पांच बजट निकल गए, लेकिन छाता चीनी मिल को लेकर किसी भी तरह के बजट का प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया। गौरतलब है कि छाता क्षेत्र के भाजपा की टिकट पर जीते चौधरी लक्ष्मीनारायण प्रदेश की सरकार में मंत्री भी हैं। मथुरा-वृंदावन विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्रीकांत शर्मा भी प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। इसके बावजूद छाता चीनी मिल शुरु कराने की कवायद शुरु न हो सकी।
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