नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व आलराउंडर युवराज सिंह ने पिछले साल विश्व कप के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. तब से लेकर अब तक रह-रहकर वो भारत के लिए और ज्यादा न खेल पाने का अपना दर्द बयान करते रहे हैं. स्वाभाविक स्ट्रोक प्लेयर रहे युवराज सिंह ने अपने संन्यास के करीब नौ महीने बाद खुलकर इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली ( से बतौर कप्तान वैसा साथ और समर्थन नहीं मिला, जैसा कि सौरव गांगुली से मिला था। खास बात है कि धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी20 विश्व कप और 2011 में वनडे विश्व कप जीता था. इन दोनों में ही युवराज सिंह का अहम योगदान था. 2011 में तो युवी मैन आफ द टूर्नामेंट भी चुने गए थे।
युवराज सिंह ने साल 2000 में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी और तब टीम इंडिया की कमान मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने संभाल रखी थी. ये मैच आस्ट्रेलिया के खिलाफ था. तब से लेकर युवराज सिंह ने राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, एमएस धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में खेलना जारी रखा।
गांगुली के साथ ज्यादा यादें जुड़ी हैं
हालांकि बाएं हाथ के बेहतरीन बल्लेबाज युवराज सिंह अपने पहले कप्तान को सबसे उपर रखते हैं. स्पोट्रर्सस्टार की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, मैंने सौरव गांगुली के साथ क्रिकेट खेला और उन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट किया. इसके बाद माही कप्तान बने. धोनी और सौरव में से चुनाव करना मुश्किल सवाल है, लेकिन जिस तरह से सौरव गांगुली ने मेरा साथ दिया, उसकी वजह से उनके साथ मेरी ज्यादा यादें जुड़ी हैं. मुझे नहीं लगता कि धोनी और विराट कोहली से मुझे ऐसा सपोर्ट मिला।
सीनियर्स के लिए मेरे मन में सम्मान
अपने करियर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए युवराज सिंह ने कहा, मैंने साल 2000 में शुरुआत की थी, तब कोई आईपीएल नहीं था. मैं अपने आदर्श खिलाड़ियों को टीवी पर देखता था और अचानक ही मुझे उनके साथ बैठने का मौका मिल गया. मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है और मैंने उनसे सीखा कि मीडिया से किस तरह बात करनी चाहिए. आपका व्यवहार कैसा होना चाहिए. मौजूदा वक्त में मुश्किल से ही कोई सीनियर खिलाड़ियों को गाइड करता है.
लॉकडाउन पर बोले युवराज सिंह
टीम इंडिया को 2011 का विश्व कप जिताने वाले युवराज सिंह ने देश में लागू लॉकडाउन को लेकर भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं. ये देखना दुखद है कि कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में लोगों की जान जा रही है. ये तेजी से फैल रहा है. जब मुझे कैंसर था, तब शुरुआत में मैं भी बहुत डर गया था, लेकिन फिर मुझे इस बारे में सही जानकारी मिली. मैं सही अस्पताल में सही डॉक्टर के पास गया. इसलिए बीमारी को समझना बहुत जरूरी है.
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