अयोध्या का भव्य रामलाल का मंदिर बनकर तैयार है। मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। हर राम भक्त हो इस दिन का बेसब्री से इंतजार था। रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के पहले विधिवत पूजा अर्चना करने की तैयारी की जा रही है।
मशीन से एक बार में बनेगी 10 हजार इडली
हजारों अतिथियों व भक्तों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। दिल्ली से एक मशीन मंगाई जा रही है जो एक बार में दस हजार इडली निकालेगी। यह मशीन 15 जनवरी तक अयोध्या पहुंच जाएगी। कन्नौज से आलू, छत्तीसगढ़ से चावल, असम से चाय की पत्ती व अदरक, अमेठी से राजेश मसाले, बुलंदशहर से चीनी, राजस्थान से घी समेत बड़ी मात्रा में खाद्यान लगातार आ रहे हैं।
साधु-संतों व अतिथियों को मिलेंगे ये पकवान
समारोह में साधु-संतों के लिए विशेष इंतजाम हैं। फलाहार के अलावा इनके लिए कुट्टू के आटे की पूड़ी, साबूदाना के आइटम, मूंगफली की व्यवस्था की है। इसके अलावा गेहूं के आटे की पूड़ी, चार प्रकार की सब्जी, रोटी, बासमती चावल, गोविंद भोग चावल, कचौड़ी, दाल, पापड़, खीर, करीब 10 तरह की मिठाइयां रहेंगी। नाश्ते में दही जलेबी, मूंग की दाल और गाजर का हलवा, चाय, कॉफी, चार पांच तरह की पकौडि़यों के इंतजाम किए गए हैं। इसमें क्या घटाया बढ़ाया जा सकता है, इस पर भी चर्चा चल रही है।
अतिथियों के लिए गीता प्रेस से अयोध्या रवाना की गईं पुस्तकें
अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों को उपहार स्वरूप भेंट करने के लिए गीता प्रेस से प्रकाशित पुस्तकें शुक्रवार को अयोध्या रवाना की गईं। इनमें 10 हजार अयोध्या दर्शन पुस्तकें हैं, जिन्हें प्रसाद के साथ श्रद्धालुओं को बांटा जाएगा। इसके अलावा तीन पुस्तकों व गीता दैनंदिनी (डायरी) के 51 बंडल भेजे गए हैं। इनमें अयोध्या दर्शन, 1972 में प्रकाशित कल्याण के विशेषांक श्रीरामांक का परिवर्धित संस्करण, अयोध्या महात्म्य व गीता दैनंदिनी शामिल है। 12 अति विशिष्ट अतिथियों के लिए आर्ट पेपर पर प्रकाशित श्रीरामचरितमानस की प्रतियां भी भेजी गई हैं।
राम राज्य अब आ रहा है: आचार्य सत्येन्द्र दास
भगवान राम के राजनीतिक इस्तेमाल पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा,’दो प्रकार की नीति है, एक राजनीति और दूसरी धर्मनीति। उन्होंने (भाजपा) भगवान राम को अपना बनाया और आज उनके पास उनका आशीर्वाद है। यह ‘राजनीति’ नहीं बल्कि ‘धर्मनीति’ है। राम राज्य अब आ रहा है।’
हनुमानगढ़ी व नागेश्वरनाथ पर लगे 25 आईपी कैमरे
हनुमानगढ़ी व नागेश्वरनाथ मंदिर पर 25 इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) कैमरे लगे हैं। अब कनक भवन, राम की पैड़ी व अन्य स्थानों पर भी यही कैमरे लगेंगे। ये कैमरे इंटरनेट या स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क (एलएएन) पर फुटेज भेजकर और प्राप्त करके डिजिटल वीडियो की निगरानी करते हैं। यह वाईफाई या पावर ओवर ईथरनेट (पीओई) केबल के जरिये नेटवर्क से जुड़ते हैं।
‘तीसरी आंख’ से नहीं बच पाएंगे अपराधी
पूर्व में सार्वजनिक स्थलों पर लगे कैमरों के अलावा ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत अयोध्या में 10,548 खुफिया कैमरे अब तक लग चुके हैं। इनमें रामनगरी के लगभग 3500 कैमरे शामिल हैं। कोतवाली अयोध्या क्षेत्र में लगभग 2,000, रामजन्मभूमि थाना क्षेत्र में लगभग डेढ़ हजार व नगर कोतवाली क्षेत्र में 710 कैमरे लगे हैं। इसके अलावा रेड जोन व येलो जोन में भी अलग-अलग क्षमता के आधुनिक कैमरे लगे हैं। यह कैमरे उन स्थानों पर लगे हैं, जहां आपकी सोच भी नहीं पहुंच सकती है। किसी भी व्यक्ति के आते-जाते, उठते-बैठते या किसी तरह की गतिविधि को यह कैमरे रिकॉर्ड करेंगे। किसी तरह का अपराध करके अपराधी भाग भी नहीं सकेगा। शहर से जाने वाले हर रास्ते पर ये कैमरे उसका पीछा करेंगे।
10,548 स्थानों पर लगाए गए खुफिया सीसीटीवी कैमरे
अयोध्या के 10,548 स्थानों पर लगे खुफिया कैमरों से हर गतिविधि की निगरानी हो रही है। खुराफातियों को पता भी नहीं चलेगा कि वे कहां से देखे जा रहे हैं। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या की सुरक्षा और अहम हो गई है। इसके लिए गृह विभाग ने ऐसी तैयारी है कि अशांति फैलाने वालों के मंसूबे तार-तार हो जाएंगे। चाक-चौराहों व संवेदनशील स्थानों पर सशस्त्र जवान तो मुस्तैद रहेंगे ही, तीसरी आंख की निगाह भी सर्वत्र रहेगी। इसे लेकर पुलिस ने पहले से ही तैयारी की थी, जो अब अधिक सार्थक सिद्ध हो रही है।
अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग भोजनालय
संघ नेता गजेंद्र सिंह ने बताया कि तीर्थ क्षेत्र पुरम में साधु-संतों व विशिष्ट जनों के लिए खान-पान की व्यवस्था की गई है। यहां छह उपनगर निर्मित किए गए हैं। अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग भोजनालय बनाए गए हैं। बाग बिजेसी के एक नगर में पंजाब का भोजनालय होगा। अन्य नगरों में तेलंगाना, महाराष्ट्र व राजस्थान के भक्तों की ओर से लंगर की व्यवस्था की जाएगी। वहीं अलग-अलग स्थानों पर भी भोजनालय संचालित किया जाएगा। उदासीन आश्रम के सामने स्थित भोजनालय इस्कान मंदिर की ओर से संचालित किया जाएगा। अक्षय पात्र फाउंडेशन ने भी एक भोजनालय अपने जिम्मे लिया है। दक्षिण भारत की अम्मा जी रसोई की ओर से भी भोजनालय संचालित किया जाएगा।
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