सरकारी मेडिकल कॉलेज में रैंगिंग करने वालों पर 10 छात्रों पर गिरी गाज, मिली ऐसी सजा कि सबक लेंगे लोग

हैदराबाद। तेलंगाना के सरकारी मेडिकल कॉलेज गांधी मेडिकल कॉलेज सिकंदराबाद के 10 सीनियर छात्रों को जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग करने के चलते सोमवार को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया। जूनियर छात्रों ने UGC नई दिल्ली के एंटी रैगिंग सेल में शिकायत की थी।

UGC द्वारा मामले की जानकारी तेलंगाना सरकार के अधिकारियों को दी गई। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के एंटी रैगिंग कमेटी ने मामले की जांच की। जांच से पता चला कि ये 10 छात्र पिछले कुछ दिनों से जूनियर छात्रों की रैगिंग कर रहे हैं। इसके बाद सख्त कार्रवाई की गई। निलंबित किए गए छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया गया है।

तेलंगाना के चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) डॉ. के. रमेश रेड्डी ने सोमवार को गांधी मेडिकल कॉलेज के 10 सीनियर एमबीबीएस छात्रों को रैगिंग में शामिल होने के आरोप में एक साल के लिए निलंबित करने के आदेश जारी किए। डॉ. रमेश रेड्डी ने कहा, “एंटी-रैगिंग कमेटी ने घटना की जांच की और पाया कि 10 सीनियर छात्र जूनियरों की रैगिंग में शामिल थे।”

रमेश रेड्डी ने तेलंगाना के सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के सीनियर छात्रों को चेतावनी दी कि रैगिंग बर्दास्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई रैगिंग करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम रैगिंग को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहे हैं।

देश भर में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए इस साल जून में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने पहल किया था। NMC ने सर्कुलर भेजकर मेडिकल कॉलेजों को उत्पीड़न और रैगिंग की शिकायतों पर समय पर प्रतिक्रिया देने का निर्देश दिया था। एनएमसी ने कहा था कि मेडिकल कॉलेज रैगिंग की शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। वे मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में रैगिंग की रोकथाम और निषेध, विनियम, 2021 की अनुपालन रिपोर्ट भी जमा नहीं कर रहे हैं। बता दें कि अगर मेडिकल के किसी छात्र से रैगिंग की जा रही है तो वह NMC की वेबसाइट (nmc.org.in) पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

 

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