कानपुर। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों के हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। कानपुर में गंगा और बलिया में घाघरा नदी अपने उफान पर हैं। बलिया में घाघरा ने ऐसा रूप लिया है कि 12 घर नदी में समा चुके हैं। इसके अलावा कानपुर में गंगा के जलस्तर को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है। अधिकारी लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से में गंगा किनारे निचले इलाकों में पानी आ गया है। कानपुर के डीएम विशाख अय्यर का कहना है कि हम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। जिन इलाकों में जलस्तर बढ़ रहा है, वहां से लोगों को निकालने और परिवहन के लिए नावें और ट्रैक्टर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उधर बलिया में घाघरा नदी अपने उफान पर है। घाघरा के किनारे स्थित गांवों में तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उफनी घाघरा नदी में 12 मकान समा चुके हैं। नदी के तेज बहाव के कारण किनारे का कटार भी जारी है। बलिया के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने भी इस बात की है कि गांव गोपाल टाड़ी में 12 मकान बहे हैं।
कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं – kanpur river ganga water flood
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कानपुर में बारिश और नदियों में जलस्तर बढ़ने के बाद कई जिलों में भारी नुकसान हुआ है। उधर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी बारिश के बाद भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाओं से हाहाकार की स्थिति है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू का एक ताजा वीडियो सोशल मीडिया पर आया है। वीडियो में दिख रहा है कि करीब 7 इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गए।
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