मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कंसोलिडेटेड आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होने दें। याचिका को पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता के साथ वर्तमान एसएलपी को खारिज करते हैं।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े 15 वादों को कंसोलिडेटेड (एक साथ) करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए ईदगाह पक्ष को झटका लगा |
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मुस्लिम पक्ष की एसएलपी को खारिज कर दिया है। आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को वापस लेने का आह्वान किया। हम उच्च न्यायालय के समक्ष पुनर्विचार याचिका को पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता के साथ वर्तमान एसएलपी को खारिज करते हैं।
शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव एवं अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि कंसोलिडेटेड आदेश के खिलाफ एसएलपी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी पुनर्विचार याचिका दाखिल है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पहले हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होने दें। हाईकोर्ट के आदेश से असंतुष्ट हो, तब सुप्रीम कोर्ट आएं।
18 में से 15 वाद किए थे कंसोलिडेटेडटुडे न्यूज़
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सभी वादों को कंसोलिडेटेड कर सुनवाई करने की याचिका पर 11 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। इसके बाद विचाराधीन 18 सिविल वादों में से 15 को भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव मूल वाद में जोड़ दिया गया। शेष तीन केस (केस संख्या तीन, दस और 17) को अलग से सुनवाई को रखा गया।
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