हांगकांग। मानव संरक्षण में रह रहे दुनिया के सबसे बुजुर्ग पांडा एनएन को इच्छा मृत्यु दे दी गई। इस तरह उसका निधन 35 वर्ष की उम्र में हुआ, जो किसी मनुष्य के 105 वर्ष के बराबर है। यह जानकारी हांगकांग स्थित ओशन थीम पार्क के अधिकारियों ने दी। यह पांडा यहीं रह रहा था। अधिकारियों ने यह भी बताया कि उसका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था और अधिक उम्र की वजह से उसे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
पिछले कुछ हफ्तों से उसके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट के संकेत मिल रहे थे। उसने खाना-पीना बिल्कुल कम कर दिया था। आखिरकार कुछ दिनों से उसने खाना बिल्कुल बंद कर दिया। इस पार्क में समुद्री पशुओं और संरक्षित पशुओं को भी रखा जाता है। यह पांडा यहां 1999 से रह रहा था। पार्क के अधिकारियों की ओर से बताया गया कि इससे पहले जिया जिया नाम की मादा पांडा की मौत 2016 में हुई थी और तब उसकी उम्र 38 साल थी।
ये दोनों नर और मादा पांडा चीन सरकार की ओर से थीम पार्क को बतौर गिफ्ट में दिए गए थे। पार्क की ओर से जारी बयान में बताया गया कि पांडा की मौत की सूचना देते हुए उन्हें काफी दुख हो रहा है। इसमें ये भी कहा गया कि यह पार्क एनएन और जिया जिया नाम के दोनों नर और मादा पांडा की देखभाल करने के लिए आभारी है। इन दोनों की मदद से ही ओशन थीम पार्क को पांडा संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण आधार बनने में मदद की थी।
पार्क की ओर से कहा गया कि एनएन उनके परिवार का अनिवार्य सदस्य बन गया था। उसका विकास और पार्क का विकास लगभग एक साथ शुरू हुआ और दोनों साथ-साथ बढ़ते गए। इस पांडा की स्थानीय लोगों और पर्यटकों के साथ दोस्ती भी अच्छी रही। बता दें कि ओशन थीम पार्क में वालरस, पेंगुइन और डॉलफिन जैसे समुद्री संरक्षित प्राणी रखे गए हैं। साथ ही, अभी यहां दो और पांडा, जिनके नाम यिंग यिंग और ले ले है, रहते हैं। चीन ने ही 2007 में मादा यिंग यिंग और नर ले ले को हांगकांग को दिया था। पार्क को उम्मीद है कि इस जोड़े से बच्चे होंगे। हालांकि, अभी तक ऐसा हुआ नहीं है और आगे के लिए भी संकेत नहीं दिख रहे।
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