लखनऊ की तरह मथुरा में पालतू कुत्ते ने बोला हमला, घर से बाहर निकलते ही युवक पर मारा झपट्टा

चीख पुकार सुनकर आए लोगों ने बमुश्किल छुड़ाया
संवाददाता
मथुरा। खतरनाक नस्ल के पिटबुल कुत्ते को पालना लखनऊ के बंगाली टोला में रहने वाले त्रिपाठी परिवार पर भारी पड़ने की खबर पिछले सप्ताह चर्चा में रही थी। वजह थी पिटबुल ने 80 साल की मालकिन सुशीला त्रिपाठी पर घर में ही हमला कर उनकी जान ले ली थी। पोस्टमॉर्टम में सुशीला के सिर, हाथ,जांघ और पेट पर 13 जगह नोचने के निशान मिले। कुत्ते ने उनके शरीर के कई हिस्सों में खरोंच भी लगा दी थी। कुछ इसी तरह की एक घटना आज मथुरा शहर की माधवपुरी कालोनी में सामने आई। सीए संजीव अग्रवाल के पुत्र वैभव अग्रवाल पर पड़ोसी के पालतू कुत्ते ने हमला बोल दिया। कुत्ते ने उसके शरीर पर कई जगह झपट्टा मारा। चीख पुकार की आवाज सुनकर परिवार वाले और आसपास के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।

हमलावर कुत्ते को अलग करने की कोशिश कीए तब तक उसने दो-तीन जगह से वैभव के शरीर को काट डाला। कुत्ते के हमलावर होने से लोगों में खौफ पैदा हो गया। अब कहीं किसी और पर वह हमला न कर दे। यह तो एक केस था, जो प्रकाश में आ गया। न जाने कितने ऐसे केस होते होंगे, जो प्रकाश में नहीं आते। सोचने वाली बात तो यह है कि पालतू कुत्ते क्यों हिंसक होते जा रहे हैं। आम लोगों के बीच यह चर्चा है कि नगर निगम के पास क्या पालतू कुत्तों के बारे में कोई नियम है। यदि है तो कुत्तों के शौकीन लोगों को बताना चाहिए कि ऐसे कुत्तों का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी है।

हालांकि लखनऊ की घटना के बाद लखनऊ नगर निगम एवं नोएडा अथॉरिटी ने अपने शहर में कुत्ते-बिल्ली पालने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। कायदे के अनुसार इन कुत्तों का वैक्सीनेशन भी कराया जाना जरूरी होता है। इस मामले में यदि वैभव के परिजन चाहें तो वे कोर्ट में कुत्ता मालिक सहित निगम के अधिकारियों को तक को तलब करा सकते हैंए उन पर केस कर लाखों का हर्जाना, जुर्माना भी वसूल सकते हैं।

 

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