इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने बुधवार को आलमबाग थाने के एक आपराधिक मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषसिद्ध करार दिया है। कोर्ट ने एक जेलर को धमकाने और पिस्तौल तानने के आरोप में माफिया मुख्तार अंसारी को दो साल कैद की सजा सुनाई है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की अपील को मंजूर करते हुए पारित किया है। माफिया मुख्तार अंसारी को हाई कोर्ट ने 22 साल पुराने एक मामले में दो साल की सजा सुनाई है। मार्च 2000 में तत्कालीन जेलर को धमकाने के मामले में अंसारी को सजा हुई है। फिलहाल माफिया मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है।
साल 2003 में जब लखनऊ के जिला जेल जेलर एसके अवस्थी ने आलमबाग पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि जेल में अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि माफिया अंसारी ने गाली देते हुए उन पर पिस्तौल तान दी थी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था। जिसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी। कोर्ट ने इसी मामले में माफिया को सजा सुनाई है।
आपको बता दें कि बीती 16 सितंबर को योगी सरकार ने मुख्तार अंसारी और गैंग पर एक्शन लेते हुए मकान को कुर्क किया था। जिसकी कीमत करीब 25.11 लाख रुपए बताई जा रही थी। इतना ही नहीं मुख्तार के साथ-साथ बसपा सांसद अफजाल अंसारी पर भी कार्रवाई की गई थी। गाजीपुर पुलिस द्वारा मुख्तार अंसारी के साथ-साथ उसके करीबी शहनवाज उर्फ काजू कुरैशी और अफजाल अंसारी द्वारा अवैध ढंग से अर्जित की गयी लगभग 2 करोड़, 50 लाख रुपये की भू-संपत्ति को कुर्क किया गया है।
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