टेरर फंडिंग और देशविरोधी गतिविधियों के चलते केंद्र सरकार के राडार पर आए चरमपंथी मुस्लिम संगठन पुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) के ठिकानों पर एक बार फिर छापामार कार्रवाई की गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) समेत दूसरी एजेंसियों ने दोबारा PFI के 9 राज्यों में 25 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा है। ऐसा पहले से तय था कि PFI के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के शाहीन बाग से PFI से जुड़े 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहां केंद्रीय पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। महाराष्ट्र से 15, कर्नाटक के कोलार से 6 और असम से 25 PFI कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया है।
एनआईए की गिरफ्त में आए केरल (Kerala) से पीएफआई मेंबर शफीक पायथे ने पूछताछ में खुलासा किया था कि इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना रैली पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के टारगेट पर थी। NIA को इसी से रिलेटेड कुछ लीड मिली थीं, जिसके बाद यह छापे मारे गए। NIA समेत अन्य एजेंसियों ने लोकल पुलिस के साथ मिलकर इस छापेमारी को अंजाम दिया। सूत्रों के मुताबिक, पीएफआई के कई सदस्यों को हिरासत में भी लिया गया है।
इस छापेमारी के दौरान कर्नाटक के कोलार से 6 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा SDPI के सचिव को भी पकड़ा गया है। असम से भी पीएफआई से जुड़े चार लोगों को कल नगरबेरा इलाके से हिरासत में लिया गया था। असम के एडीजीपी (विशेष शाखा) हिरेन नाथ के अनुसार, इससे पहले असम पुलिस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से पीएफआई के कार्यकर्ताओं के 11 नेताओं और दिल्ली से एक नेता को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली के जामिया, शाहीन बाग में भी पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी हुई है। यहां से भी कई संदिग्धों को पकड़ा गया है। उत्तर प्रदेश के मेरठ और बुलंदशहर में ATS ने छापा मारा है।
इससे पहले 22 सितंबर को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी(NIA) के नेतृत्व में मल्टी-एजेंसी टीमों ने देश में आतंकी गतिविधियों को कथित रूप से समर्थन देने(Terror funding and training) के आरोप में 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर PFI के 106 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इस टीम में प्रतर्वन निदेशालय(ED) भी शामिल था। अधिकारियों ने कहा कि PFI के गढ़ केरल में सबसे ज्यादा 22 गिरफ्तारियां हुई थीं। गिरफ्तार किए गए लोगों में पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सीपी मोहम्मद बशीर, राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम, राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन एलमारम, पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर और अन्य शामिल हैं। इस छापेमारी से बौखलाए संगठन ने 23 सितंबर को देशव्यापी बंद का ऐलान किया था। हालांकि इसका असर केरल आदि कुछ राज्यों में ही आंशिक दिखा था।
हाल में महाराष्ट्र एनआईए (Maharashtra NIA) ने खुलासा किया था कि पीएफआई ने बीजेपी के टॉप लीडर्स व आरएसएस को निशाना बनाने की साजिश रची थी। दशहरा पर आरएसएस मुख्यालय व बीजेपी नेताओं को निशाना बनाने की फिराक में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) था। पूरी तैयारियां थीं लेकिन इसके पहले एनआईए ने पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
22 सितंबर की रेड में ईडी ने कोझिकोड से PFI वर्कर शफीक पायथे को गिरफ्तार किया था। ईडी ने बताया कि पीएफआई ने पटना में 12 जुलाई को पीएम मोदी की रैली में हमला की साजिश रची थी, इसकी फंडिंग में शफीक पायथे भी था। केंद्रीय एजेंसी के अनुसार पीएफआई के साजिशकर्ता यह चाहते थे कि अक्टूबर 2013 की घटना की पुनरावृत्ति हो। दरअसल, 2013 में पटना के गांधी मैदान में बीजेपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात नरेंद्र मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे।
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