साल 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर मामले में दोषी ठहराए गए इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादी शहजाद अहमद का इलाज के दौरान दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या और अन्य अफसरों पर हमला बोलने के आरोप में शहजाद को दोषी ठहराया गया था. जेल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. 19 सितम्बर 2008 को बटला हाउस एनकाउंटर हुआ था. इससे करीब पांच दिन पहले यानी 13 सितम्बर 2008 को दिल्ली बम धमाकों से दहल उठी थी. तब राजधानी में पांच बड़े बम ब्लास्ट हुए थे. इनमें 39 लोगों की मौत और 150 से ज्यादा घायल हो गए थे. पहले बम ब्लास्ट के महज 5 मिनट के भीतर आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने इसकी जिम्मेदारी ले ली थी.
उस वक्त बटला हाउस में 5 आतंकवादी छिपे हुए थे. दो आतंकी ऑन द स्पॉट मारे गए थे, दो आतंकवादी भागने में कामयाब रहे जबकि एक आतंकवादी को पकड़ा लिया गया. इस एनकाउंटर में दिल्ली स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे, लेकिन तब इस एनकाउंटर पर जमकर राजनीति चली थी और इस एनकाउंटर को भी फेक तक करार दे दिया गया था. दिल्ली की साकेट कोर्ट ने पिछले साल बटला हाउस एनकाउंटर मामले में अहम फैसला सुनाते हुए इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी आरिज खान को दोषी करार दिया था. उसको 2018 में यानी एनकाउंटर के 10 साल बाद नेपाल से गिरफ्तार किया गया था.कोर्ट ने तब अपने आदेश में कहा था, सितंबर 2008 में हुआ बाटला हाउस एनकाउंटर फेक नहीं था. यानी इस एनकाउंटर पर जो भी सवाल उठाए गए, वो राजनीति से प्रेरित थे. दिल्ली स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर शहीद मोहन चंद शर्मा को एनकाउंटर के दौरान आतंकवादियों ने गोलियां मारी थी. बाटला हाउस में छिपे लोग मासूम लड़के या छात्र नहीं थे, वो आतंकवादी थे और कोर्ट ने माना है कि इन आतंकवादियों के तार दिल्ली में हुए बम धमाकों से जुड़े थे, जिनमें 39 लोग मारे गए थे.
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