मथुरा: सूर काव्य के सूर रहे तुम काव्य जगत तुम सौ उजियारो, सूरदास जी के नाम पर हुई काव्य संध्या

surdas ji

यूनिक समय, मथुरा। महाकवि सूरदास की जयंती की पूर्व संध्या पर नगर की साहित्यिक संस्था ‘ब्रज के अनुपम रंग” द्वारा “एक शाम महाकवि सूरदास जी के नाम” काव्य संध्या सरस्वति शिशु मंदिर दीन दयाल नगर पर आयोजित की गई। जिसने महाकवि सूरदास के साहित्य पर चर्चा के साथ कवियों ने अपनी काव्यजंलि प्रस्तुत की।

काव्यांजलि का आरम्भ में श्रीमती रेणु उपाध्याय ने ब्रजभाषा में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। उसके बाद मुम्बई से आये कवि नवीन चतुर्वेदी द्वारा सूरदास के साहित्य और जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला गया। कवि अटलराम चतुर्वेदी ने सूर काव्य के सूर रहे तुम काव्य जगत तुम सौ उजियारों’ पढ़कर सूरदास जी को काव्यजंलि दी। रविन्द्र रसिक, मूलचंद शर्मा द्वारा ब्रजभाषा में अपनी कविता पढ़, राहुल गुप्ता, अश्वनी शर्मा, सचिन अग्रवाल ने ग़ज़ल के माध्यम से काव्य सुमन अर्पित किए। चंद्र प्रकाश शर्मा ने “जब हिय के बंद कपाट खुले तब सूर में श्याम समाय गए” छंद की प्रस्तुति दी। कवयित्री उषा शर्मा,डॉ. धर्मराज जितेंद्र विमल, गोपाल चतुर्वेदी और प्रधानाचार्य राजीव शर्मा ने भी कविताओं से अपनी बात कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संतोष कुमार सिंग ने “ब्रज के गौरव हुए महाकवि नमन नमन हे सूर” कविता पढ़ी। संचालन अनुपम गौतम एडवोकेट द्वारा किया गया।

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