यूनिक समय, मथुरा। सदर बाजार थाने में बने कर्मचारियों के आवास बुरी तरह जर्जर हो चुके हैं। इसके बाद भी कुछ मथुरा पुलिसकर्मियों के परिवार अपने जीवन को खतरे में डालकर वहां रहने को मजबूर हैं। पुलिस वालों के लिए जो नए आवास बने थे, उनकी भी हालत खस्ता हो रही है। थाने के प्रशासनिक भवन की दीवारों का भी हाल बुरा होने लगा है।
पुलिसकर्मियों के परिवार रह रहे हैं खस्ता हालत में पड़े घरो मे -Mathura Police
शहर का थाना सदर बाजार एक महत्वपूर्ण थाना है। इस थाने के क्षेत्र में जहां वीआईपी रहते हैं वहीं आर्मी के बड़े अधिकारियों के भी आवास हैं। आम जनता और अधिकारियों की सुरक्षा करने वाले इन पुलिसकर्मियों के परिवारों को रहने के लिए थाना परिसर में बने आवासों की हालत इतनी खराब है कि वहां रहने वाले परिवार के लोगों को इस बात की आशंका लगी रहती है कि कब किसके साथ क्या हो जाए।
अनुशासन का पालन करने वाला विभाग होने के कारण मथुरा पुलिसकर्मी अपने अधिकारियों से इन टूटे आवासों को सही कराने के लिए आवाज तक नहीं उठा सकते है। सरकार ने थानों में पुलिकर्मियों के रहने के लिए आवास तो बनवा दिए, लेकिन उनकी समय से मरम्मत तक नहीं पा रही है। यही वजह है इन सरकारी आवासों की हालत दिन पर दिन खराब हो रही ही है। सदर बाजार थाने में करीब 11 र्क्वाटर है, जिनमें थाना प्रभारी का आवास भी शामिल है। थाना प्रभारी का आवास भी पूरी तरह से कंडम हो चुका है। इसके बाद भी उसमेंं एक इंस्पेक्टर रह रहे हैं।
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थाने के पीछे गुलाबशाह बाबा के मजार की ओर वाले रास्ते पर बने पुलिकर्मियों के आवासों की हालत को देख कर कोई भी व्यक्ति यह सोचने पर मजबूर हो जाएगा कि इन आवासों में पुलिस परिवार कैसे रह रहे हैं। इसी तरह अंदर बने क्वाटरों के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए बने आवासों की हालत भी बेहद खराब है। प्रशासनिक भवन की दीवारों का भी प्लास्टर जगह-जगह से टूट रहा है। इसके साथ ही सदर बाजार चौकी की बिल्डिंग तो वर्षों से टूटी पड़ी है।
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