यूनिक समय, मथुरा। दो दिन से हो रही बारिश से मथुरा-वृंदावन में हर ओर पानी-पानी नजर आ रहा है। महानगर का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। नगर निगम की सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई। जगह—जगह जलभराव होने से लोगों को जहां आने जाने में दिक्कत हुई। लोगों को जाम की स्थिति से जूझना पड़ा।
जल भराव के कारण कई क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। जिससे लोगों की दैनिक क्रियाएं प्रभावित हुई। वर्षा के जल की निकासी के लिए नगर आयुक्त अनुनय झा दिन भर अधिकारियों को निर्देश देते देखे गए। बारिश ने मथुरा वृंदावन के विकास की पोल खोल कर रख दी। जिले के कई और इलाकों में बारिश ने हालात बिगाड़ दिए।
मथुरा में रेल, बस या निजी साधनों से देश- विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन श्रीकृष्ण की नगरी में दर्शन करने के लिए आते हैं। रविवार को भी श्रद्धालुओं को नए बस स्टैंड से मंदिरों के दर्शन करने जाने के लिए भारी परेशानी हुई। नया बस अड्डे, भूतेश्वर, पुराना बस अड्डे रेलवे पुल के नीचे पानी भर गया। इन स्थानों से होकर छोटे वाहन ही नहीं बड़ी बस नहीं निकल पा रहीं थी।
सड़क आज नाले के रूप में नजर आ रहीं थी। बारिश के कारण हुए जलभराव से सबसे ज्यादा दिक्कत वाहन चालकों को हुई। बारिश से नालियों व नालों की गंदगी सड़क पर एकत्रित हो गई। वहीं सबसे ज्यादा परेशान दुकानदार रहे। वर्षा व जल भराव होने से उनको ग्राहकों का इंतजार करना पड़ा।
शहर के डेंपियर नगर में म्यूजियम के पास , नए बस स्टैंड़, बीएसए कॉलेज, पुराना बस स्टैंड, नानक नगर, भूतेश्वर तिराहा, भैंस बहोरा, महोली रोड के अलावा वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर मार्ग सहित कई इलाकों में जलभराव देखने को मिला। मंदिर के मुख्य द्वार की तरफ जाने वाले प्रमुख मार्ग पर बारिश के कारण पानी भर गया।
सड़क पर भरे पानी के बीच से श्रद्धालु गुजरते नजर आए। छोटे—छोटे बच्चे अपने आप को बारिश से बचाने को प्लास्टिक की पन्नी का सहारा ले कर बचाते नजर आ रहे थे। साथ ही पत्थरपुरा, चुंगी चौराहा आदि एक दर्जन स्थानों पर बुरी तरह पानी भर गया। बारिश के कारण बिजली सप्लाई भी ठप्प हो गयी। यह हाल तब है जब यहां पूरे शहर में लाइट अंडर ग्राउंड है।
बेहतर लाइट सप्लाई का दावा करने वाले दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने मथुरा वृंदावन में मामूली बारिश होते ही लाइट सप्लाई बंद कर दी। इसकी वजह से कई कॉलोनी वासियों को पीने का पानी उलब्ध नहीं हुआ। स्थानीय नागरिकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सीवर की भी हालत बुरी तरह से खराब रही। नगर निगम का ड्रेनेज सिस्टम भी प्रकृति के कोप के आगे बेबस नजर आया। नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी वर्षा के बाद के स्थिति को सुधारने में वह स्वयं लगे हुए थे।
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