ओटावा। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुए तीन महीने से अधिक समय हो गए। इस मामले में जांच कर रही कनाडाई एजेंसियों और पुलिस को हत्यारों का सुराग नहीं मिला है। इसके चलते कहा जा रहा है कि पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बिना ठोस सबूत के ही अपने राजनीतिक फायदे के लिए हत्याकांड में भारत पर आरोप मढ़ दिए।
कनाडाई पुलिस अभी भी जुटी हुई हैं जांच में
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निज्जर की हत्या में किसी भारतीय नागरिक के शामिल होने के सबूत कनाडाई खुफिया एजेंसियों को नहीं मिले हैं। जांचकर्ता अभी तक किसी भारतीय मूल के एजेंट के हत्या के समय के आसपास कनाडा आने और जाने का पता नहीं लगा पाए हैं। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि हमलावर हत्या के बाद कनाडा से भाग गए होंगे।
सूत्रों के अनुसार सरे की स्थानीय पुलिस, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) और कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (सीएसआईएस) से जुड़े अधिकारी निज्जर हत्याकांड की जांच कर रहे हैं। जांचकर्ताओं ने यह पता लगाने की पूरी कोशिश की थी कि क्या भारतीय मूल के एजेंटों ने 18 जून के आसपास देश के अंदर या बाहर यात्रा की थी। इन्हें इस संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। कनाडाई पुलिस को अभी तक हत्यारों की तलाश में सफलता नहीं मिली है। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि हत्या के बाद हमलावर देश छोड़कर भाग गए होंगे।
निज्जर की हत्या में कनाडाई पुलिस ने दो संदिग्ध वाहनों पर ध्यान केंद्रित किया था। एक जली हुई कार और एक सिल्वर 2008 टोयोटा कैमरी थी। इन्हें कथित तौर पर हत्या के बाद हत्यारों द्वारा इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निज्जर की हत्या जिस तरह की गई उसी तरह हाल के दिनों में क्षेत्र में आपराधिक गिरोह से संबंधित कई हत्याएं हुईं हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि निज्जर की हत्या आपराधिक गिरोहों या आतंकियों की आपसी रंजिश के चलते की गई होगी।
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