यूनिक समय, मथुरा। मथुरा-वृंदावन नगर निगम के नए आयुक्त शशांक चौधरी ने कार्य भार संभालने से पहले ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के दरबार में हाजिरी लगाई। फिर जनरल गंज क्षेत्र स्थित नगर निगम कार्यालय पहुंचे और चार्ज लिया। उन्होंने अपनी सेवा में बुलाने के लिए ठाकुर बांके बिहारी महाराज का धन्यवाद दिया। उन्होंने दो टूक कहा कि नगर निगम में परदे के पीछे कोई कार्य नहीं होगा।
उन्होंने स्वागत के लिए कर्मचारियों द्वारा लाए गए प्लास्टिक के कवर में बुके को ग्रहण किया, लेकिन बाद में कहा कि वे अपने कार्यालय में प्लास्टिक का प्रयोग प्रतिबंधित करेंगे। आगे से होने वाले कार्यक्रमों में छोटे प्लांट या कागज के कवर में फ्लावर भेंट कराएंगे। पॉलीथिन के प्रति उनके कठोर रूख को देखकर हर कोई अंदाजा लगा रहा था कि यह अधिकारी मथुरा- वृंदावन के लिए कुछ नया अवश्य करेंगे।
नगर आयुक्त ने समस्याओ को गंभीरता से समझा -Latest Mathura News
कार्यालय में पत्रकारों से मुलाकात करते हुए उन्होंने कहा कि वे मेरठ में सीडीओ रहे। वहां की समस्याएं कुछ और थी और मथुरा- वृंदावन की समस्याएं कुछ और हैं। वे वृंदावन से मथुरा तक कई समस्याओं से रूबरू हुए। इस दौरान अपर नगर आयुक्त क्रांति शेखर ने उनको नगर की समस्याओं के बारे में बताया। श्री चौधरी ने कहा कि उनका मेरठ में सीडीओ का अनुभव यहां के विकास में काम आएगा।
नगर आयुक्त ने कहा कि नगर की आत्मा को ध्यान में रखकर यहां की विकास योजनाएं बनाई जाएंगी। वजह मथुरा- वृंदावन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटक आते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को ऐसी सुविधा मिले कि उनको कहीं कोई समस्या का समाधान नहीं करना पड़े। इसके लिए वे मीडिया, स्थानीय व्यापारियों, नागरिकों व जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे।
उन्होंके कहा कि आगामी त्योहारों से एक दो माह पहले ही प्लान तैयार किया जाएगा। सफाई व्यवस्था के संबंध में उन्होंने कहा कि सफाईकर्मी नगर की जनसंख्या के हिसाब से रखे जाते हैं। लेकिन यहां तीर्थ स्थल होने के कारण बाहर से आने वाले पर्यटक व श्रद्धालु काफी अधिक संख्या में आते हैं। उसके हिसाब से सफाई कर्मचारियों की संख्या कम है। यात्रियों की संख्या के हिसाब से सफाई कर्मचारी नियुक्त करने के लिए शासन से डिमांड की जाएगी।
श्री चौधरी ने कहा कि शहर की सड़कों पर लगने वाले जाम को देखते हुए उन्होंने कहा कि यहां की सड़कें सिंगल हैं। इनको डबल होना आवश्यक है। इसके अलावा बाहरी क्षेत्र के लिए रिंग रोड बनाई जानी चाहिए। यहां के अधिकारियों ने सड़कों को चौड़ा करने के लिए पहले क्या प्लान बनाया उसको वे देखेंगे।
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