देवरिया। हाल ही में उत्तर प्रदेश के देवरिया में भूमि विवाद में छह लोगों की हत्या ने मामले में पुलिस के दृष्टिकोण को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। अपराधी, प्रेम यादव नाम का एक दबंग व्यक्ति मारा गया, और जवाब में, उसके समर्थकों ने एक परिवार के घर में प्रवेश किया और पांच सदस्यों की हत्या कर दी। क्षेत्र पर यादव की पकड़ जगजाहिर थी और पुलिस को दोनों गुटों के बीच हिंसा की संभावना के बारे में पता था। इसके बावजूद, उन्होंने लापरवाही बरती, जिससे घातक टकराव की संभावना बनी रही।
देवरिया मर्डर केस, कौन है प्रेमचंद यादव
देवरिया की रुद्रपुर तहसील के फतेहपुर गांव में 2 अक्टूबर की सुबह सत्यप्रकाश दुबे सहित उसके परिवार के 5 लोगों की हत्या का मामला सुर्खियों में है। दो अक्टूबर को गांव के प्रभावशाली व्यक्ति यानी पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव की हत्या कर दी गई थी। इससे आक्रोशित उसके समर्थकों ने सत्यप्रकाश दुबे की फैमिली पर हमला करके 5 लोगों को मार डाला था।.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रेमचंद्र उर्फ प्रेम यादव आपराधिक प्रवृत्ति का रहा है। 2020 में लॉकडाउन के बीच प्रेम और उसके भाई रामजी ने बंदूकों की नोंक पर सत्यप्रकाश दुबे के 4 एकड़ खेत में खड़ी फसल कटवा ली थी। इस मामले में सिविल कोर्ट के स्थगन आदेश का तहसील प्रशासन और पुलिस ने पालन नहीं कराया। इस पर सत्यप्रकाश दुबे ने सिविल कोर्ट में अवमानना का केस लगाया था। 4 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई होनी थी। अभी इसमें अगली तारीख 17 नवंबर है। लेहड़ा टोले में हुए इस नरसंहार में मारे गए सत्यप्रकाश दुबे ने वर्ष 2014 में सिविल कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर प्रेमचंद यादव व रामजी यादव पर जबरन भूमि कब्जा करने का आरोप लगाया था।
जमीन के इसी विवाद में कोर्ट ने 6 अगस्त 2014 को स्थगन आदेश दिया था। मगर पुलिस और तहसील प्रशासन ने कोर्ट के फैसले को लागू कराने में लापरवाही बरती। आरोप है कि 18 अप्रैल 2020 की रात को प्रेमचंद व उनके भाई ने हथियारों के बल पर रुद्रपुर कोतवाल की मौजूदगी में तीन लाख रुपये मूल्य का 150 क्विंटल गेहूं काट लिया था। इस पर सत्य प्रकाश ने सिविल जज के यहां अवमानना का वाद दाखिल किया था। कोर्ट ने तत्कालीन एसडीएम ओमप्रकाश, प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार मौर्य, दबंग प्रेमचंद व रामजी यादव के विरुद्ध नोटिस जारी किया था।
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