विहिप ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश

यूनिक समय, मथुरा। दस दिवसीय शौर्य जागरण यात्रा के पड़ाव स्थल मसानी स्थित चित्रकूट में आयोजित कार्यक्रम में विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री सोहन सोलंकी ने कहा कि जीवन देश से बड़ा होता है। जीवन दांव पर लगाने से ही देश खड़ा होता है। संगठित हिन्दू समाज देश की ताकत है इसे ताकत को बनाए रखने और देशवासियों को जगाने के उद्देश्य से शौर्य जागरण यात्रा निकाली गई है।

उन्होंने बताया कि जब से परमात्मा ने सृष्टि की रचना की है तबसे हिन्दू है। पूर्व में पूरी दुनियां में भगवा परचम लहराया था, फिर से पूरी दुनिया में भगवा लहराएगा। दुनिया में शांति का मार्ग सिर्फ सत्य सनातन ही है दूसरा कोई नहीं। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि समस्त धरती पर कहीं भी खुदाई करवा लो 14 सौ वर्ष से पहले की कोई मस्जिद नहीं निकलेगी और दो हजार वर्ष से पहले का कोई गिरिजा नहीं निकलेगा। जहां खोदोगे सिर्फ सनातन के साक्ष्य ही प्राप्त होंगे। युवाओं को नशा न करने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे नशे का क्या फायदा जो रात को करो और सुबह उतर जाता है, नशा करना है तो देशभक्ति का करो जो जीवन भर नहीं उतरेगा। विपक्ष की हिन्दुओं को जातियों के नाम पर बांटने की साजिश से बचने की सलाह भी दी।

सभा का संचालन विजय चौधरी ने किया। कार्यक्रम अध्यक्ष क्रांतिकारी संत स्वामी सत्य मित्रा नंद महाराज ने आभार जताया।
कार्यक्रम में विहिप के मथुरा महानगर अध्यक्ष अमित जैन ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट, महाराजा सूरजमल स्मृति न्यास के अध्यक्ष आर बी चौधरी, गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, सोहन लाल शर्मा, रामचंद्र खत्री, वेदप्रकाश, अशोक जैन छाबड़ा आदि को पटुका पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम का समापन पूर्णत: मंत्र के साथ हुआ। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज, आयोजन समिति अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राठौर, कार्यक्रम अध्यक्ष जयंती प्रसाद अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि शुभम अग्रवाल, बजरंग दल के प्रांत संयोजक दिग्विजय नाथ तिवारी, विहिप के प्रांत संगठन मंत्री राजेश कुमार, प्रांत सहमंत्री मुकेश शुक्ला, प्रांत समन्वयक राघवेंद्र, मथुरा ग्रामीण के जिलाध्यक्ष विनोद राघव, महानगर मंत्री गोकलेश गौतम, जिला मंत्री देवेंद्र सिंह, संयोजक मोहित नौहवार, मथुरा ग्रामीण के संयोजक राजू राजपूत, अभिनव सक्सेना, गौ रक्षक पवन दुबे, मुरारी लाल गुरुजी एवं मदन मोहन श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

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