यूनिक समय, मथुरा। पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र होती हैं। ऐसे में यदि पुस्तक मेले से छात्र-छात्राओं को रूबरू होने का अवसर मिले तो इससे अच्छी बात दूसरी हो ही नहीं सकती। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले राजीव इंटरनेशनल स्कूल में दो दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। एक ही छत के नीचे हजारों तरह की पुस्तकें पाकर छात्र-छात्राओं के चेहरे खुशी से खिल उठे।
पुस्तक मेले के आयोजन का उद्देश्य छात्र-छात्राओं में अध्ययन-अध्यापन के प्रति रुचि जागृत करना था। इस पुस्तक मेले में आगरा और दिल्ली के प्रकाशकों ने अपने-अपने स्टॉलों में ज्ञानवर्द्धक पुस्तकों का संग्रह रखा। पुस्तक मेले में पुस्तकों की प्रदर्शनी के साथ-साथ उनकी बिक्री की भी व्यवस्था की गई थी। पुस्तक मेले में हर आयु वर्ग के विद्यार्थियों को अपनी-अपनी पसंद की पुस्तकें देखने और खरीदने का अवसर मिला।
विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावक भी पहुंचे –
पुस्तक मेले में छोटे बच्चों के लिए पंचतंत्र के साथ-साथ अन्य मनोरंजक कहानियों की रंग-बिरंगी किताबें थीं तो बड़े बच्चों के लिए एक से बढ़कर एक उपयोगी पुस्तकें भी स्टॉलों में पाई गईं। काल्पनिक, हॉरर, थ्रिलर, बायोग्राफी जैसी विविध प्रकार की पुस्तकों को एक ही छत के नीचे पाने की खुशी जहां छात्र-छात्राओं में साफ देखी गई, वहीं उन्होंने इसका लाभ उठाते हुए जमकर पुस्तकों की खरीददारी भी की। पुस्तक मेले में अभिभावकों की पसंद का भी पूरा ध्यान रखा गया था। इस अवसर का लाभ उठाते हुए विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों ने भी अपनी-अपनी रुचि के अनुसार पुस्तकें खरीदीं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने पुस्तक मेले के आयोजन को समसामयिक बताया। ए कहा कि मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक पुस्तकें छात्र-छात्राओं ही नहीं हर आयु वर्ग के लोगों के लिए न केवल उपयोगी होती हैं बल्कि उनका जीवन पर्यंत मार्गदर्शन भी करती हैं। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में जब विद्यार्थियों की मौलिकता सोशल मीडिया या मोबाइल में लुप्त होती जा रही हो। ऐसे समय में उस अंधकार से उन्हें सिर्फ अच्छी पुस्तकें ही निकाल सकती हैं। शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने कहा कि इस प्रकार के पुस्तक मेले बड़े उपयोगी होते हैं क्योंकि हमें एक ही स्थान पर सभी प्रकार की पुस्तकें देखने, पढ़ने एवं चुनने का अवसर मिलता है। विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन के लिए समय-समय पर ऐसे पुस्तक मेलों का आयोजन किया जाना बहुत जरूरी है।
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