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कानपुर। ब्लैक मनी को ठिकाने लगाने वालों खबरदार! अगर किसी को लगता है कि वो अपनी बेनामी सम्पत्तियां नौकरों-चाकरों के नाम करके बच निकलेंगे, तो ऐसा मुमकिन नहीं है। कानपुर में आयकर विभाग बेनामी संपत्तियों के खिलाफ एक्शन में है। विभाग ने एक नामी वकील की करीब 10 करोड़ की बेनामी संपत्तियों को कुर्क किया है। वकील साब ने ब्लैक मनी खपाने के लिए ड्राइवर और नौकर के नाम पर तक करोड़ों की जमीन खरीद ली थी।
आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, कल्याणपुर निवासी वकील अभिषेक शुक्ला ने अपने दो नौकरों करन कुरील और एकलव्य मोहन कुरील ने नाम पर दलितों की जमीन खरीदी थीं। बेनामी प्रॉपर्टी के लिए वकील साब ने नौकर और ड्राइवर के नाम जॉइंट अकाउंट खुलवाया था। फिर वे इनके खातों में पैसा जमा करते, बाद में पैसा दूसरे खाते में ट्रांसफर करके जमीन की खरीद फरोख्त कर रहे थे। वकील साब की नजर दलितों की जमीनों पर थी।
वकील अभिषेक शुक्ला ने धोखाधड़ी करके दिवंगत दलित घसीटाराम और सके पोते मनीष के जॉइंट अकाउंट में रकम भेजी। बाद में यह रकम मनीष ने अपने पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर कराई। जमीन बिकने के बाद मनीष के पर्सनल अकाउंट से अभिषेक के खाते में रकम ट्रांसफर कर दी गई। अभिषेक ने यह रकम अपने नौकरों करन और एकलव्य के खाते में ट्रांसफर कर दी। ये जमीन उसी रकम से नौकरों के नाम पर खरीदी गई। इसमें एससी/एसटी भूमि कानून का भी उल्लंघन किया गया। हालांकि आयकर विभाग को इसकी भनक लग गई और वकील साब की ये बेनामी सम्पत्ति कुर्क कर ली गई।
आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने मुनादी पिटवाकर बेनामी संपत्तियों को कुर्क किया। इस मामले में वकील अभिषेक शुक्ला के साथ ही मृतक किसान घसीटाराम का पोता मनीष (इसके नाम पर जमीन खरीदी गई), करन और एकलव्य जांच के दायरे में हैं। आयकर विभाग लगातार बेनामी सम्पत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई कर रहा है। ऐसी ही एक कार्रवाई में आयकर विभाग ने कानपुर के ही सूरज सिंह पटेल और इनकी पत्नी रीना सिंह के खिलाफ एक्शन लिया। उन्होंने अपने ड्राइवर धर्मेंद्र के नाम पर करीब 55 लाख रुपए की बेनामी सम्पत्ति बनाई थी। इस समय यह कपल बहरीन में रहता है।
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