कतर में आठ भारतीयों को फांसी की सजा से मचा हड़कंप

नई दिल्ली:  कतर के एक कोर्ट ने आठ भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई है। कतर अरब दुनिया का ऐसा देश है जो इस्लामी आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कुख्यात है। ऐसे में पहले हमास के इजरायल पर हमले और बदले में इजरायल का हमास पर बरपता कहर कहीं कतर के इस अप्रत्याशित कदम की वजह तो नहीं हैं? दूसरी तरफ, पाकिस्तान की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ही कतर को भारतीय नागरिकों को उकसाया है।

भारत के प्रति पाकिस्तान की नीति और नीयत कैसी रही है, इसके सबूत देने की तो जरूरत है नहीं। अभी पाकिस्तान एक और वजह से भी भारत के खिलाफ ऐसी साजिश कर सकता है। इसका जिक्र हम आगे करेंगे। इस तरह गौर से देखें तो कम-से-कम तीन ठोस कारण सामने आ रहे हैं जिनके आधार पर कतर आठ भारतीयों की जान लेने पर उतारू हो गया है।

हमास पर भारत के रुख से कतर को लगी मिर्ची?

कतर की अदालत ने जिन आठ भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई है, वो वहां ‘अल-जाहिरा अल-आलमी कन्सलटेन्सी एंड सर्विसेज’ नामक कंपनी में काम करते थे। ये सभी भारतीय नौ सेना के अधिकारी रह चुके हैं और कंपनी ओमान के एक उद्योगपति की है। कतर की पुलिस ने इन भारतीयों को इस आरोप में गिरफ्तार किया कि वो इजरायल के लिए जासूसी कर रहे थे। इजरायल, कतर को फूटी आंख नहीं सुहाता है। ऐसे में यह आरोप लगना था कि कतर पुलिस ने भारतीयों के साथ-साथ ओमान के एक नागरिक को भी गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, ओमान के नागरिक को दो महीने बाद ही छोड़ दिया गया जबकि भारतीयों को कभी जमानत भी नहीं मिली। अब जब अचानक फांसी की सजा सुनाई गई तो यह आशंका जताई जा रही है कि कतर ने ऐसा भारत से खुन्नस निकालने के लिए किया है। दरअसल, भारत ने इजरायल पर हमास के हमले को बिना देर किए आतंकी कार्रवाई करार दे दिया। चूंकि कतर हमास और हिज्बुल्ला ही नहीं, करीब-करीब सभी इस्लामी आतंकी संगठनों की चौतरफा मदद करता है।

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इजरायल की दुश्मनी में वो हमास और हिज्बुल्ला जैसे संगठनों के संरक्षक की भूमिका निभाता है। ऐसे में भारत का बेलाग लपेट कहना कि हमास आतंकी संगठन है, कतर को जरूर गहरे चुभ गया होगा। ध्यान रहे कि बीजेपी की तत्कालीन नेता नूपुर शर्मा के एक टीवी डिबेट में इस्लाम पर दिए बयान पर भी कतर ने बड़ा कड़ा रुख दिखाया था। नूपुर का बयान कतर को कांटे की तरह चुभा और संभव है कि हमास पर भारत के बयान ने वह चुभन बढ़ा दी है।

 

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