
यूनिक समय। अमेरिका और कतर की मध्यस्थता के बाद इजरायल और हमास बुधवार को 4 दिन के अस्थायी युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं। मगर जिन बंधकों की रिहाई को लेकर सहमति बनी थी, उसमें फिलहाल पेंच फंस गया है।
बंधकों की रिहाई तत्काल संभव नहीं हो पाने से समझौते को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। बता दें कि इजरायल-हमास में युद्ध विराम समझौते के तहत 50 इजरायली बंधकों को रिहा किया जाना था। बदले में इजरायल ने 150 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई का वादा किया था। मगर एक इजरायली ने कहा है कि बंधकों की रिहाई शुक्रवार के पहले संभव नहीं है।
इजरायल और हमास के बीच बनी थी सहमति
गाजा के चरमपंथी समूह द्वारा बंधक बनाए गए 50 इजरायली लोगों की रिहाई के साथ क्षेत्र में मानवीय सहायता पहुंचाने पर भी सहमति बनी थी। समझौता लागू होने पर इसे पहली बड़ी कूटनीतिक जीत और सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से शुरू हुए युद्ध में विराम का आधार माना जा रहा है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध पर अपने विशेष मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध विराम की समयसीमा समाप्त होने के बाद युद्ध फिर प्रारंभ होगा। उन्होंने कहा कि इजराइल का लक्ष्य हमास के सभी सैन्य प्रतिष्ठानों को नष्ट करना और गाजा में बंधक बनाए गए उसके सभी 240 लोगों को रिहा कराना है।
पीएम नेतन्याहू ने किया ये ऐलान
इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि युद्ध जारी है। सभी लक्ष्य हासिल होने तक हमारे प्रयास जारी रहेंगे।’’ नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को फोन करके यही जानकारी दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने देश की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ को हमास के निर्वासित नेतृत्व का सफाया करने का निर्देश दिया है ‘‘फिर वे चाहे कहीं भी हों।’’ इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ज़ाची हानेग्बी ने देर रात घोषणा की कि समझौता शुक्रवार से पहले लागू नहीं होगा। माना जा रहा था कि इससे एक दिन पहले ही युद्धविराम प्रभावी हो जाएगा। इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी कि युद्धविराम लागू होने में देरी क्यों हो रही है
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