जिस मोदी मैजिक के जरिए बीजेपी प्रचंड जीत का दावा कर रही थी, उसे बड़ा झटका लगता नजर आया है। लोकसभा चुनाव के परिणाम ने चौंकाने वाले नतीजे दिए हैं। लगातार 10 साल से जिस ‘मोदी मैजिक’ के जरिए बीजेपी प्रचंड जीत हासिल कर रही थी, उसे इस बार बड़ा झटका लगता नजर आया। बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन जिस 400 पार का दावा कर रहा था, वह 300 के भी नीचे चला गया। बीजेपी इस परिणाम के बाद भले ही जीत का सेहरा सिर सजा ले, लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि इस बार मोदी मैजिक नहीं चल पाया। बीजेपी को 10 राज्यों में बड़ा झटका लगा।
जहां बीजेपी को बड़ा डेंट लगा। उत्तर प्रदेश की 80 में से बीजेपी ने 2014 में 71 और 2019 में 62 सीटें हासिल की थीं। राम मंदिर उद्घाटन के बाद कहा जा रहा था कि बीजेपी इस बार समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा जैसे दलों का सूपड़ा साफ कर देगी, लेकिन इस बार खुद उसे बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है। बीजेपी महज 36 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। इसी के साथ 25 की 25 सीटें जीतने वाले प्रदेश राजस्थान में भी बीजेपी को झटका लगा। यहां कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत हासिल की है। महाराष्ट्र में एनडीए ने बड़ी जीत का दावा किया था,
लेकिन बीजेपी यहां 11 सीटों पर सिमटती नजर आई। कांग्रेस को यहां 12 और शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट को 10, एनसीपी शरद पवार को 7, शिव सेना को 7 सीटों पर बढ़त मिलती नजर आई। हरियाणा में भी बीजेपी को बड़ा झटका लगा। बीजेपी यहां 5 सीटों पर सिमटती दिखी। कर्नाटक में भी बीजेपी को डेंट लगा। यहां मोदी लहर के दम पर 2019 में बीजेपी ने 28 में से 25 सीटों पर कब्जा जमाया था। इस बार बीजेपी का 17 सीटों पर दम फूलता दिखा। पंजाब में तो बीजेपी का खाता ही नहीं खुला। यहां कांग्रेस को 7 और आप को 3 सीटों पर बढ़त मिलती दिखी।
वहीं पश्चिम बंगाल में बीजेपी बड़ी जीत की उम्मीद कर रही थी, लेकिन उसे यहां बड़ा झटका लगता दिखाई दिया। टीएमसी को 29, बीजेपी को 12 और कांग्रेस को एक सीट पर बढ़त मिलती दिखी। कहा जा रहा है कि इस बार मोदी मैजिक फेल रहा। पीएम मोदी ने जिस राज्य में सबसे ज्यादा रैलियां कीं। वहां बीजेपी को नुकसान हुआ। पीएम मोदी की आक्रामक भाषा ने भी इस बार बीजेपी को नुकसान पहुंचाया। अर्बन नक्सल, मंगलसूत्र और घुसपैठिये जैसे शब्द खुलेआम इस्तेमाल किए गए। इन पर काफी विवाद भी हुआ।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार जिस राजस्थान में पीएम मोदी ने इन नारों का इस्तेमाल किया, वहां इस तरह की बयानबाजी या शब्दावली का कभी इस्तेमाल नहीं होता। यही वजह है कि बीजेपी को यहां भारी नुकसान हुआ। दूसरी ओर यूपी जैसे राज्यों में विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी, पेपर लीक और किसान आंदोलन जैसे मुद्दे को खूब भुनाया। कहा जा रहा है कि इस बार मोदी मैजिक के बजाय लोगों ने इस बार स्थानीय प्रत्याशी और स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखकर भी वोट किया है। यही वजह है कि इस बार बीजेपी को हर राज्य से झटके लगते नजर आ रहे हैं।
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