यूनिक समय, नई दिल्ली। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आज सुबह भूकंप के झटकों से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। उत्तरकाशी में भूकंप की तीव्रता 3.5 मैग्नीट्यूड मापी गई है। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 7 बजकर 42 मिनट पर आए भूकंप के झटकों से वरुणावत पर्वत पर भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। हालांकि, फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
यह भूकंप 1991 में आए विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा कर गया है। उस समय 6.6 तीव्रता के भूकंप ने क्षेत्र को तबाह कर दिया था। 1991 के बाद से यहां लगातार छोटे-मोटे भूकंप के झटके आते रहे हैं। अब तक 70 से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। भूकंप के बाद प्रशासन ने तुरंत ही स्थिति का जायजा लिया है। लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है। साथ ही, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है।
भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील है। यहां छोटे-मोटे भूकंप आते रहना आम बात है। हालांकि, बड़े भूकंप आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। भूकंप के खतरे को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। घरों में भूकंप आने पर क्या करना चाहिए, इस बारे में जानकारी होनी चाहिए। साथ ही, आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
उत्तराखंड में आए ताजा भूकंप ने एक बार फिर हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्क रहने की याद दिलाई है। हमें आपदा प्रबंधन के लिए तैयार रहना चाहिए और प्रशासन को भी आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए।
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