यूनिक समय, नई दिल्ली। प्रयागराज के महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर, यानी आज होने जा रहा है। इस अवसर पर संगम में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। जहाँ पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया।
प्रातः काल से ही संगम जाने वाले सभी मार्गों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हर-हर महादेव और जय गंगा मैया के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले 44 घाटों पर स्नान करने की होड़ लगी रही। प्रशासन ने सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए 12 जिलों के डीएम, 15 आईएएस और 85 पीसीएस अधिकारियों को तैनात किया है।
तीसरा अमृत स्नान होने के कारण आज महाकुंभ में सनातन संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। विभिन्न जाति-वर्ग के लोगों ने एक साथ स्नान करके ‘एकं सत् विप्रा बहुधा वदन्ति’ के सिद्धांत को पुष्ट किया। कुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह देश की समृद्धि, शक्ति, शांति, एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने की सामर्थ्य की भी उद्घोषणा है। यह हमारे पूर्वजों की दूरदृष्टि का परिणाम है, जिन्होंने विश्व को समझाने के लिए अनेकता में एकता के महत्व को रेखांकित किया।
बसंत पंचमी के इस पावन अवसर पर मां सरस्वती की भी पूजा-अर्चना की गई। ज्ञान और विद्या की देवी की आराधना के साथ ही प्रकृति में नए जीवन का संचार हुआ। महाकुंभ 2025 का यह अद्भुत नजारा हर किसी के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा।
Leave a Reply