
यूनिक समय, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कामदा एकादशी का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा और व्रत के लिए समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने और व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है, और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, कामदा एकादशी 2025 का प्रारंभ आज रात 8:00 बजे से होगा और इसका समापन 8 अप्रैल को रात 9:12 बजे होगा। यह व्रत उदय तिथि के अनुसार कल मनाया जाएगा। इस दिन विशेष योग बन रहे हैं जैसे कि रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, और आश्लेषा तथा मघा नक्षत्र का संयोग। साथ ही वणिज और बव करण भी बन रहे हैं।
शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:32 बजे से 5:18 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:58 बजे से 12:48 बजे तक
इन मुहूर्तों में भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन को लेकर भक्तों को प्रात: जल्दी उठकर स्नान करने और शुद्ध वस्त्र पहनने के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा करनी चाहिए।
कामदा एकादशी पूजा विधि
सुबह उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। सूर्य देव को अर्घ्य दें और फिर चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। पंचामृत से स्नान कराकर भगवान को वस्त्र पहनाएं और धूप-दीप जलाकर उन्हें चंदन, अक्षत, तिल, नैवेद्य, फल, नारियल आदि अर्पित करें।
कामदा एकादशी का महत्व
कामदा एकादशी के व्रत का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। यह व्रत सभी दुखों को समाप्त करने, सुख-समृद्धि प्राप्त करने और मानसिक शांति पाने के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के सभी पाप समाप्त होते हैं।
पारण (व्रत खोलने का समय)
कामदा एकादशी का पारण 9 अप्रैल को सुबह 6:02 बजे से लेकर 8:34 बजे के बीच किया जा सकता है। पारण से पहले स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और उन्हें भोग अर्पित करना चाहिए। इसके बाद सात्विक भोजन से व्रत खोलना चाहिए और दान करने की परंपरा निभानी चाहिए।
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