
यूनिक समय, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हजारों शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी, जिनकी नियुक्तियां हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रद्द कर दी गईं, ने शुक्रवार को कोलकाता के साल्ट लेक स्थित करुणामयी से पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारी शिक्षकों की प्रमुख मांग थी कि आयोग OMR (ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन) शीट्स को सार्वजनिक करे ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किन उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी थी।
यह विरोध उस समय शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में वर्ष 2016 की भर्ती प्रक्रिया को अमान्य करार दिया, जिसके तहत 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई थीं। इससे जुड़ी जांच में व्यापक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए थे। अदालत में यह भी बताया गया कि कई उम्मीदवारों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की और कुछ को वैध प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त किया गया था।
विरोध मार्च में शामिल एक शिक्षक ने कहा, “OMR शीट सार्वजनिक होने से यह तय करना आसान होगा कि कौन पात्र था और कौन नहीं। हम पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।” प्रदर्शन में नागरिक समाज के कई सदस्य भी शामिल हुए जिन्होंने शिक्षकों के समर्थन में तख्तियां लेकर मार्च में भाग लिया।
प्रदर्शन के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जिसमें रैपिड एक्शन फोर्स के जवान भी शामिल थे। आरोप लगाया गया है कि पूर्व विरोध प्रदर्शनों में शामिल शिक्षकों के साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया था और अब उन्हीं अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे निष्पक्षता को लेकर संदेह पैदा हो रहा है।
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