
यूनिक समय, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में समाजवादी पार्टी के विधायक डॉ. मुकेश वर्मा द्वारा बनवाए गए स्वागत द्वार को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मामला शिकोहाबाद विधानसभा क्षेत्र का है, जहां विधायक निधि से एक स्वागत द्वार का निर्माण कराया गया। इस द्वार पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर से पहले लगाया गया, जिसे लेकर दलित समुदाय में असंतोष फैल गया है।
डॉ. अंबेडकर मेला महोत्सव समिति के अध्यक्ष वेद प्रकाश वेदी की अगुवाई में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस मुद्दे को लेकर नाराजगी जाहिर की गई। बैठक में शामिल लोगों का कहना है कि डॉ. अंबेडकर का कद और योगदान बहुत बड़ा है, ऐसे में उनकी तस्वीर को प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी। समिति ने इसे डॉ. अंबेडकर का अपमान करार दिया है।
समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए दलित समाज के लोगों ने कहा कि सपा केवल चुनावों के समय दलित हितैषी होने का दिखावा करती है, जबकि असल में ऐसे कार्यों से उनका अपमान किया जा रहा है। वेदी ने आरोप लगाया कि सपा बाबा साहब के नाम पर सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है।
विवाद बढ़ने पर विधायक मुकेश वर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि स्वागत द्वार पर तस्वीरों की क्रम में गलती अनजाने में हुई है और इसे जल्द ही ठीक करा दिया जाएगा।
इस पूरे मामले ने एक बार फिर सियासी गलियारों में दलित सम्मान और प्रतीकों की राजनीति को चर्चा में ला दिया है।
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