
यूनिक समय, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज से वक्फ कानून पर अहम कानूनी प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है। केंद्र सरकार द्वारा संसद के दोनों सदनों से पारित कर इस अधिनियम को लागू किए जाने के बाद अब इसके खिलाफ 70 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं। इन पर सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ करेगी।
इन याचिकाओं में वक्फ कानून में किए गए संशोधनों को संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन बताते हुए असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के अरशद मदनी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB), जमीयत उलेमा-ए-हिंद, डीएमके और कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी सहित कई प्रमुख नाम शामिल हैं।
अब तक शीर्ष अदालत ने 10 याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है, जबकि अन्य याचिकाओं को भी आगे की सुनवाई के लिए शामिल किया जाना है। केंद्र सरकार ने कोर्ट में कैविएट दाखिल कर यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी तरह का आदेश पारित करने से पहले उसे सुना जाए।
इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने “वक्फ बचाओ अभियान” की शुरुआत की है, जो 11 अप्रैल से 7 जुलाई 2025 तक चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत वक्फ कानून में संशोधन के विरोध में एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर जुटाए जाने की योजना है।
अब शीर्ष अदालत में इस कानून की वैधता पर फैसला होना है, जो आने वाले समय में वक्फ संपत्तियों और मुस्लिम समुदाय से जुड़े मामलों में अहम भूमिका निभाएगा।
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