
यूनिक समय, नई दिल्ली। ‘रेड 2’ आज सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है, जिसमें अजय देवगन एक बार फिर ईमानदार आईआरएस अफसर अमय पटनायक की भूमिका में नजर आ रहे हैं। इस बार उनके साथ जुड़ते हैं रितेश देशमुख, जो नए खलनायक के रूप में पर्दे पर धमाल मचाते हैं।
‘रेड’ जैसी फिल्मों की अगली कड़ी से दर्शकों को हमेशा बड़ी उम्मीदें होती हैं, लेकिन ‘रेड 2’ उस स्तर तक पूरी तरह खरा नहीं उतरती। फिल्म की कहानी कई जगहों पर कमजोर पड़ती है, लेकिन कलाकारों का प्रदर्शन इसे डूबने से बचा लेता है। खासतौर पर रितेश देशमुख, जो इस बार एक सशक्त और खतरनाक विलेन के रूप में सामने आते हैं, फिल्म की सबसे बड़ी ताकत साबित होते हैं।
कहानी एक बार फिर अमय पटनायक के ईमानदार और सख्त आईआरएस अधिकारी के इर्द-गिर्द घूमती है। इस बार उन्हें एक ऐसे भ्रष्ट और ताकतवर नेता ‘दादा मनोहर भाई’ के खिलाफ जांच का जिम्मा मिलता है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, अमय खुद एक बड़े भ्रष्टाचार के आरोप में फंस जाते हैं ।
अजय देवगन अपने पुराने किरदार में सहज नजर आते हैं। उनके संयमित अभिनय में वही मजबूती झलकती है जो पहले भाग में देखने को मिली थी। वहीं रितेश देशमुख पूरी फिल्म में छाए रहते हैं। उनकी निगेटिव भूमिका में जो गहराई है, वो उन्हें अब तक के करियर के सबसे खास किरदारों में से एक बना देती है। वाणी कपूर को सीमित स्क्रीन टाइम मिला है, लेकिन वो उसमें ठीक-ठाक काम करती हैं।
अगर सिर्फ एक्टिंग के लिहाज से देखा जाए, तो फिल्म जरूर प्रभावित करती है। अजय और रितेश की टक्कर कहानी को एक दिलचस्प मोड़ देती है। हालांकि, स्क्रिप्ट और डायरेक्शन थोड़ा और मजबूत होता तो ‘रेड 2’ एक क्लासिक सीक्वल बन सकती थी।
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