
यूनिक समय, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम राहत देते हुए जमानत प्रदान की है। प्रोफेसर अली खान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कथित विवादित बयान देने का आरोप है, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने इस मामले में हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है और जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि प्रोफेसर जैसे शिक्षित व्यक्ति को अपनी बात रखने के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे समाज में किसी भी पक्ष को ठेस न पहुंचे। अदालत ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, लेकिन ऐसे संवेदनशील समय में ज़िम्मेदारी भी जरूरी है।
जस्टिस कांत ने कहा, “यह ऐसा समय है जब देश को एकजुट रहने की ज़रूरत है। सस्ती लोकप्रियता के लिए जानबूझकर असंवेदनशील भाषा का इस्तेमाल उचित नहीं है। एक शिक्षाविद् होने के नाते, उनके पास शब्दों का चयन करने के लिए कई विकल्प मौजूद थे।”
कोर्ट के आदेश
- प्रोफेसर अली खान को सोशल मीडिया या अन्य मंचों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ या युद्ध से जुड़ी कोई भी टिप्पणी करने से रोक दिया गया है।
- वह भारत में आतंकवादी हमलों या भारतीय प्रतिक्रिया पर कोई भी सार्वजनिक बयान नहीं दे सकेंगे।
- उन्हें अपना पासपोर्ट सोनीपत की स्थानीय अदालत में जमा करना होगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अली खान जांच में पूरी तरह सहयोग करें।
- SIT में तीन वरिष्ठ IPS अधिकारी शामिल होंगे, जिनमें से एक महिला अधिकारी होगी जो हरियाणा से बाहर की होंगी।
- जांच दल के गठन की समयसीमा 24 घंटे तय की गई है।
इस पूरे मामले को लेकर हरियाणा राज्य महिला आयोग ने भी प्रोफेसर को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट की ओर से अब इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए SIT के गठन का आदेश दिया गया है।
Leave a Reply