
यूनिक समय, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, शुक्रवार को भारत मंडपम, नई दिल्ली में राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। इस समिट का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत को निवेश के नए केंद्र के रूप में स्थापित करना और देश-विदेश के निवेशकों, नीति निर्माताओं और अन्य प्रमुख हितधारकों को एक साझा मंच पर लाना है।
राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेते हुए अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अगले 10 वर्षों में ₹50,000 करोड़ के अतिरिक्त निवेश की घोषणा की। यह निवेश ग्रीन एनर्जी, स्मार्ट मीटरिंग, हाइड्रो पावर, पावर ट्रांसमिशन, हाईवे निर्माण, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि बीते 11 वर्षों में नॉर्थ ईस्ट में जो परिवर्तन आया है, वह केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के 700 से अधिक मंत्री अब तक नॉर्थ ईस्ट का दौरा कर चुके हैं और उनकी यात्रा केवल औपचारिक नहीं, बल्कि रात्रि प्रवास के साथ रही है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नॉर्थ ईस्ट को पहले ‘फ्रंटियर रीजन’ माना जाता था, लेकिन आज यह ‘ग्रोथ का फ्रंट रनर’ बन चुका है। उन्होंने उद्योग जगत से अपील की कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और ‘फर्स्ट मूवर एडवांटेज’ हासिल करें।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत और ASEAN देशों के बीच व्यापारिक लेन-देन लगभग $125 अरब तक पहुंच चुका है और जल्द ही यह $200 अरब के आंकड़े को पार कर जाएगा, जिसमें नॉर्थ ईस्ट की अहम भूमिका होगी। इसके साथ ही, भारत, म्यांमार और थाईलैंड को जोड़ने वाले हाईवे निर्माण की भी चर्चा की गई, जो उद्योग जगत के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है।
प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र डेस्टिनेशन वेडिंग्स के लिए एक आदर्श स्थान बन सकता है, जिससे पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
इस समिट में टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, टेक्सटाइल, हस्तशिल्प, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, आईटी सेवाएं, ऊर्जा और खेल जैसे क्षेत्रों को निवेश के प्रमुख सेक्टर्स के रूप में चिन्हित किया गया।
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