मथुरा -:
पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विवि एवं गो अनुसंधान संस्थान मथुरा के किसान भवन के सभागार में रविवार को जनपद मथुरा के 100 आदर्श विद्यालयों की क्रियान्वयन एवं नालेज मैपिंग
के अन्तर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मौके पर ही
शिक्षक शिक्षिकाओं एवं अन्य अधिकारियों से सुझाव मांगे गए। कार्यशाला में मुख्य अतिथि बतौर जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि उनके द्वारा परिषदीय विद्यालयों की सुधार के लिए चलाई गई
ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। प्रथम चरण में 100 विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने का संकल्प दिलाया गया है। गौरतलब
है कि प्रदेश सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में प्राथमिक शिक्षा को प्रथम वरीयता दी गई है। जनपद मथुरा में परिषदीय विद्यालयों को आदर्शविद्यालय बनाने हेतु एक कार्य योजना बनाई गई है। जिसमें जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग को मिलकर कार्य करना है।डीएम ने इस प्रोजेक्ट पर सबसे ज्यादा फोकस किया। उन्होंने खुद इस पूरी योजना की मॉनिटिरिंग की है। जिसके बाद परिषदीय विद्यालयों को आदर्शविद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए जिला पंचायत राज विभाग, स्वयं
सेवी संस्थाओं, बैंकों और बेसिक शिक्षा विभाग के बीच समन्वय का सेतु बनाया गया। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा इस मौके पर एक पुस्तिका भी प्रकाशित की जा रही है। जिसमें इस अभियान की कार्य योजना की झलक भी दिखाई जाएगी। जनपद के लिए यह एक गौरव की बात होगी, जब शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी स्कूलों का नाम आदर्श विद्यालय के रूप में आएगा। इसका श्रेय भी डीएम सर्वज्ञराम मिश्र तथा उनकी पूरी टीम को ही जायेगा। आदर्श विद्यालय बनाने के लिए इन स्कूलों को और भी सुविधाओं दी जायेंगी।सरकार की योजना के मुताबिक हर विधानसभा क्षेत्र के 2 स्कूलों को आदर्श विद्यालय बनाया जाना था। शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने यह आदर्श विद्यालय योजना शुरु की है।आदर्श घोषित विद्यालयों में हर सप्ताह बेसिक शिक्षा अधिकारी निरीक्षण
करेंगे। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी जाएगी। प्रत्येक ब्लॉक के 10 स्कूलों को आदर्श विद्यालय बनाने का लक्ष्य हैं। प्रशासन के अधिकारियों का दावा है कि घोषित आदर्श विद्यालयों में निजी स्कूलों से भी बेहतर पढ़ाई का माहौल और वातारवण तैयार किया जायेगा। जिसे देखकर अध्ययनरत बच्चे और अभिभावक बेहद खुश नजर आयेंगे।सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार घटती जा रही है। इसी को ध्यान में रखकर शासन ने जनपद के सभी परिषदीय विद्यालयों को आदर्श बनाने का निर्णय लिया। प्रथम चरण में 100 विद्यालयों को आदर्श घोषित किया जाएगा।
इसके बाद दूसरे चरण की शुरुआत होगी। कार्यशाला प्रमुख रुप से मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार गंगवार, बेसिक
शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार,
जिला पंचायत राज अधिकारी पीतम सिंह, संबंधित विद्यालयों के सहायक प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक- शिक्षिकाएं आदि मौजूद रहे।
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