नई दिल्ली:
वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस बार यह दिन 30 अप्रैल, सोमवार को पड़ रहा है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। यह पर्व भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इसी दिन बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने गोरखपुर से 50 किलोमीटर दूर स्थित कुशीनगर में महानिर्वाण की ओर प्रस्थान किया था।
हिंदू धर्म के अनुसार भगवान बुद्ध, विष्णु जी के नौवें अवतार हैं। कहा जाता है कि इस दिन प्रात: सुबह उठ कर स्नान, दान और पूजा-पाठ करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन यदि कोई कुछ मीठा दान करता है तो उसे गौदान के बराबर ही फल मिलता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान करता है उसके कई जन्मों के पुराने पाप धुल जाते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
बुद्ध पूर्णिमा के दिन मठों में भक्त इकठ्ठा हो कर एक साथ उपासना करते हैं, दीप जलाते हैं, बुद्ध की शिक्षाओं का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं और उनपर फूल चढा कर मोमबत्तियां जलाक उनके पैर छू कर शांति की प्रार्थना करते हैं। बहुत से भक्त तो इस दिन व्रत भी रखते हैं और भगवान बुद्ध को फल व मिठाई चढ़ाते हैं।
शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि कब होगी शुरू: 29 अप्रैल 2018 को सुबह 06:37 से शुरू
तिथि कब होगी समाप्त: 30 अप्रैल 2018 को सुबह 06:27
महात्मा बुद्ध ने दिया था ये ज्ञान
महात्मा बुद्ध ने मनुष्य को आगे की चिंता ना करने और वर्तमान में खड़े रहने की शिक्षा दी। उन्होंने दुनिया को बताया आप अभी अपनी जिंदगी को जिएं, भविष्य के बारे में सोचकर समय बर्बाद ना करें।
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