नई दिल्ली। पश्चिमी देशों में खेल प्रबंधन द्वारा किस तरह महिलाओं का शोषण किया जाता है, इसका उदाहरण न्यूयॉर्क टाइम्स में एनएफएल से जुड़ी एक रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। वॉशिंगटन रेडस्किन्स की पूर्व चीयरलीडर्स ने बताया कि वर्ष 2013 में कोस्टारिका के दौरे के दौरान इन महिलाओं को एक कैलेंडर फोटोशूट के लिए टॉपलेस करवाया गया।
इतना ही नहीं कई चीयरलीडर्स को टीमों को पैसा देने वाले सम्पन्न लोगों की निजी एस्कॉर्ट्स बनाने के लिए रखा गया। इन महिलाओं का कहना है कि रेडस्किन्स टीम के बहुत से स्पांसर्स और फेडेक्सफील्ड के सुइट होल्डर्स (जो कि पुरुष थे) को इस फोटो शूट को देखने के लिए बुलाया गया था। यह फोटोशूट कोस्टारिका की कुलेब्रा बे के एडल्ट्स ऑनली ऑक्सीडेंटल ग्रेंड पापाग्यो रिजॉर्ट में रखा गया।
इस मौके पर कुछ महिलाओं को टॉपलेस शॉट देने को कहा गया था, जबकि अन्य कई महिलाओं को केवल बॉडी पेंट में खड़ा रखा गया था। एक महिला ने टाइम्स से कहा कि ‘मेरी एक मित्र के शूट्स के दौरान हमें उसके चारों ओर से घेरते हुए एक दीवार बनाकर खड़े होने को कहा गया था क्योंकि वह पूरी तरह से नग्न थी और अवांछित लोग उसे न देख सकें। उनमें से एक का कहना था कि वह ट्रिप पर इतनी ज्यादा नाराज हो गई थी कि हमारे साथ आए लोग घटिया तरीके से ताक रहे थे।
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बाद में, नौ महिलाओं को चुना गया कि वे निजी एस्कॉर्ट्स के तौर पर एक नाइट क्लब में पुरुष स्पांसर्स के साथ रहें। जब ये महिलाएं वहां पहुंची तो उनसे कथित तौर पर कहा गया कि वे साथ आए पुरुषों के साथ शराब पिएं और अपनी अदाओं से पुरुषों को रिझाने का काम करें। एक चीयरलीडर ने कहा कि उन्होंने हमारे सिरों पर बंदूक नहीं रखी थी, लेकिन हमारा उनके साथ जाना अनिवार्य था। ऐसा करने के लिए हमसे पूछा नहीं गया था, हमें बताया गया था। अन्य दूसरी लड़कियां भी अपने आप को बर्बाद महसूस कर रही थीं क्योंकि हमें सही-सही पता था कि वह क्या-क्या कर रही थीं।हालांकि रेडस्किन्स की चीयरलीडर्स की कोरियोग्राफर और डायरेक्टर, स्टेफनी जोजोकियन ने इस बात से इंकार किया कि वहां महिलाओं को नाइट क्लब ले जाया गया था। स्टेफनी का कहना था कि मैंने किसी को भी नाइट क्लब जाने के लिए नहीं कहा। मैं खुद ही किसी मादा भालू से कम नहीं हूं जो कि अपने बच्चों को लेकर बहुत अधिक सतर्क रहती है और मैं केवल चीयरलीडर्स ही नहीं वरन हरेक आदमी की देखभाल करती हूं। यह एक बहुत बड़ा परिवार है जिसमें हर एक दूसरे की कला और उससे जुड़े व्यक्ति का सम्मान करती हूं।इन महिलाओं के लिए इस तरह का सहयोगी वातावरण है।’ लेकिन कोस्टारिका के दौरे के बाद कई महिलाओं ने टीम को छोड़ दिया था। उस ट्रिप पर गई एक चीयरलीडर का कहना था कि जब लड़कियां बाहर नहीं जाना चाहती हों तो उन्हें अंजान लोगों के साथ भेजना ठीक नहीं है। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा लगता है कि यह स्थिति तब तक नहीं बदलेगी जब तक कि कुछ भयानक नहीं हो जाता है जैसे कि किसी तरीके से लड़की का यौन उत्पीड़न नहीं होता है या उसके साथ बलात्कार नहीं होता है। मैं सोचती हूं कि टीमें इस बात पर तभी ध्यान देंगी जब तक कि मामला हाथ से बाहर नहीं निकल जाता है।’ (साभार : दकट.कॉम में मैडलीन एगलर)
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