नई दिल्ली।आज से देशभर के अन्नदाताओं ने हड़ताल का ऐलान किया है। अपनी कर्ज मांफी और समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी समेत कई मांगों के लेकर 22 राज्यों के 130 से ज्यादा किसान संगठनों ने 10 दिनों के आंदोलन का ऐलान किया है। किसानों ने ऐलान किया है कि इस दौरान गांवों से शहर में फल, सब्जी, दूध नहीं आने देंगे। शहरवासियों के लिए हम गांवों में ही दुकानें, स्टॉल लगाकर फल, सब्जी व दूध बेचेंगे। किसानों की इस चेतावनी के बाद फल और सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। कई जगहों पर इसका असर भी दिखने लगा है और फल-सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी हो गई है।
किसानों की प्रमुख 4 मांगे…
देश के किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाए
छोटे किसानों की आय सुनिश्चित की जाए
सभी किसानों को 55 साल की उम्र के बाद पेंशन दी जाए एवं किसानों की आय सुनिश्चित की जाए
फल, सब्जी, दूध के दाम भी लागत के आधार पर डेढ़ गुना समर्थन मूल्य पर तय किए जाएं
दूध का 65 लीटर एवं फल सब्जी के समर्थन मूल्य घोषित किए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए
किसानों का कार्यक्रम…
1 से 10 जून गांव बंद
5 जून को धिक्कार दिवस
6 जून को किसान शहादत दिवस
8 जून को असहयोग दिवस
10 को जून भारत बंद
किसानों का कहना है कि उन्हें उनके उत्पाद का सही दाम नहीं मिल रहा है। सरकार से वो बार बार मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार के कानो पर जूं तक नहीं रेंग रही है। किसानों का कहना है कि आंदोलन का मकसद आमजन को तकलीफ पहुंचाना नहीं हैं, बल्कि किसानों की अनदेखी कर रही सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना है। साथ ही किसानों की मांग है कि उन्हें भी उचित दाम मिले। उनके मुताबिक सरकार की गलत नीतियों के कारण लगातार कर्ज के बोझ तले दबे जा रहा है और आत्महत्या करने को मजबूर है।
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