नई दिल्ली । जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ली। इसके बाद उन्होंने अपना कार्यभार संभाला। नए सीजेआई ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन कई अहम कदम उठाए हैं, जिसमें उन्होंने चुनाव सुधार से जुड़ी याचिका को खारिज किया और रोस्टर में बदलाव किया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कार्यभार संभालते ही सुप्रीम कोर्ट का नया रोस्टर जारी कर दिया है।
नए रोस्टर के अनुसार जनहित याचिकाओं से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई खुद ही करेंगे। इसके अलावा जस्टिस मदन बी लोकुर भी जनहित याचिका पर सुनवाई कर सकेंगे। जस्टिस लोकुर के पास सुनवाई के लिए वे जनहित याचिकाएं जाएंगी जो मुख्य न्यायाधीश तय करेंगे। नया रोस्टर मुकदमों की श्रेणी के अनुसार बनाया गया है।
इसके मुताबिक मुख्य न्यायाधीश जनहित याचिका, चुनाव संबंधी याचिका, कोर्ट की अवमानना से जुड़ी याचिका, सामाजिक न्याय, आपराधिक मामले और संवैधानिक पदों पर नियुक्ति की याचिकाओं को सुनेंगे। अगर इन मामलों को किसी और बेंच के पास भेजा जाना है तो इस पर भी चीफ जस्टिस ही फैसला करेंगे।
सीजेआई ने कहा कि किसी को फांसी, घर से बेघर किया जा रहा हो, ऐसे मामलों की अविलंब सुनवाई होगी। उन्होंने कहा कि जब तक कुछ मानदंड तय नहीं कर लिए जाते, तब तक मामलों के अविलंब उल्लेख की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, हम मानदंड तय करेंगे, उसके बाद देखेंगे कि कैसे मामलों का उल्लेख किया जाएगा। अगर किसी को कल (अगले दिन) फांसी दी जा रही हो या उसे घर से बाहर निकाला जा रहा हो तब हम (अत्यावश्यकता को) समझ सकते हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मुझे बताया गया है कि मैं सख्त हूं, लेकिन मैं ऐसा ही रहूंगा।
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