नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले को लेकर मोदी सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बड़ा करने के मूड में दिख रही है। मिली जानकारी के अनुसार, 20 बड़े देशों के डिप्लोमेट को विदेश मंत्रालय के दफ्तर बुलाया गया है। इन डिप्लोमेट से मिलकर सरकार की मंशा होगी कि पाकिस्तान के खिलाफ कुछ भी करने से पहले इनको विश्वास में लिया जाए।
विदेश मंत्रालय के आफिस में जिन देशों के डिप्लोमेट पहुंचे हैं, उनमें जर्मनी, हंगरी, इटली, यूरोप यूनियन, कनाडा, ब्रिटेन, रूस, इजरायल, आस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्लोवाकिया, फ्रांस, स्पेन और भूटान शामिल है। सीआरपीएफ हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर देशभर में गुस्सा है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साफ कर चुके हैं कि आतंकियों ने इस तरह की घटना को अंजाम देकर बहुत बड़ी गलती कर दी। पीएम ने साफ कर दिया है कि सुरक्षाबलों के जवानों के बलिदान का व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि इस हमले का बदला लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए समय और स्थान की इजाजत दे गई है। हमारा पड़ोसी देश यह भूल रहा है कि यह नई रीति और नई नीति वाला भारत है। आतंकी संगठनों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उसका पूरा हिसाब किया जाएगा।
इसके साथ ही यह कयास लगाए जाने लगे कि मोदी सरकार कुछ बड़ा करने के मूड में है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 16 फरवरी को 11 बड़े संसद भवन में सवर्दलीय बैठक भी बुला ई है। यही नहीं सरकार ने पाकिस्तान स्थित अपने उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी दिल्ली वापस बुला लिया है।
आपको बता दें कि गुरुवार को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने कार में बम रखकर एक फिदायीन हमला किया, जिसमें 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है, जिसका सरगना मौलाना मसूद अजहर है।
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