मैनपुरी के औंछा थाना क्षेत्र के गांव नगला महानंद निवासी युवक ने पिता से रुपये ऐंठने के लिए कुछ लोगों के साथ मिलकर अपने ही अपहरण का ड्रामा रचा था। मंगलवार को एसपी ने प्रेसवार्ता कर घटनाक्रम का खुलासा किया। बताया कि पूरा घटनाक्रम एक सोची समझी रणनीति के तहत बनाया गया। आरोपी को गुड़गांव से पकड़ लिया गया है। भागे हुए साथी की तलाश की जा रही है।
एसपी अजय शंकर राय ने बताया कि थाना औंछा क्षेत्र के गांव नगला महानंद निवासी कश्मीर सिंह का 20 वर्षीय पुत्र अभिषेक 22 अप्रैल की शाम अलीगढ़ में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने की बात कह कर गया था। 28 अप्रैल को पड़ोसी आदेश शर्मा के फोन पर गुड़गांव में काम कर रहे गांव निवासी अवनीश ने अभिषेक के हाथ पैर बंधे हुए फोटो डाले।
इसके कुछ देर बाद ही कश्मीर के मोबाइल पर उसे बताया कि अभिषेक का अपहरण कर लिया है। एक लाख की फिरौती की मांग भी की गई। ऐसा न करने पर छह मई की शाम को हत्या करने की धमकी दी गई थी। थानाध्यक्ष रमाकर सिंह ने अलीगढ़ पहुंचकर मामले की जांच की।
तलाश के दौरान पुलिस ने अभिषेक को गुड़गांव के सेक्टर नंबर 18 से पकड़ लिया। उसका एक साथी चकमा देकर भाग गया था। पुलिस ने जब अपहृत बताए जा रहे अभिषेक से पूछताछ की तो उसने अपहरण के झूठे नाटक से पर्दा उठाया। एसपी ने बताया कि युवक पिता से रुपये ऐंठना चाहता था। वह पहले भी कई बार करीब डेढ़ लाख रुपये पिता से ले चुका है। पुलिस ने आरोपी को जेल भेजा है।
नगला महानंद निवासी अभिषेक कोई काम नहीं करता है। पिता गरीब हैं, लेकिन अभिषेक का रहन-सहन किसी रईसजादे से कम नहीं था। वह कई बार नौकरी के नाम पर पिता से रुपये लेता रहा।
उन रुपयों से अपने महंगे शौक पूरा करता रहा। अब पिता आसानी से रुपये नहीं दे रहे थे, इसलिए अभिषेक ने नोएडा पहुंच कर छोटू व राजू नाम के दो लोगों के साथ मिलकर झूठे अपहरण की योजना बना डाली। तय हुआ कि काम पूरा होने के बाद मिला हुआ रुपया आपस में बांट लेंगे।
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